मधुबनी में एनडीए कार्यकर्ताओं से सीएम ने किया संवाद, राज्य में पूरी तरह प्रेम, भाईचारा एवं शांति का माहौल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शुरू से ही सभी तबकों का विकास किया है। चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम हो, अपर कास्ट हो, पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, दलित हो, महादलित हो, सभी के लिए काम किया गया है। मुस्लिम समुदाय के लिए भी हमने काफी काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गयी है एवं उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है। वर्ष 2023 में जाति आधारित गणना करायी जिसमें लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी ली गयी है। इसमें 94 लाख गरीब परिवार पाये गये जिसमें अपर कास्ट, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित एवं मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। इनके रोजगार हेतु 2 लाख रुपये की दर से सहायता देना शुरू किया और इस सहायता को 5 वर्षों में सभी लोगों को देना था, अब तय कर दिया है कि इन सभी परिवारों को एक साथ सहायता दी जायेगी जिसके लिए उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है।

मधुबनी में एनडीए कार्यकर्ताओं से सीएम ने किया संवाद, राज्य में पूरी तरह प्रेम, भाईचारा एवं शांति का माहौल
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PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को मधुबनी जिले के सिरसिया-परसाही स्थित पावर ग्रिड के मैदान में आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे प्रगति यात्रा के दौरान घोषित योजनाओं के स्थल भ्रमण एवं शिलान्यास के लिए मधुबनी आने तथा आपसे बातचीत करने का मौका मिला है। बहुत खुशी की बात है कि इस कार्यकर्ता संवाद में आप सब लोग उपस्थित हैं। मैं आपका अभिनंदन करता हूँ। आप सब जानते हैं कि पहले की सरकार ने कोई काम नहीं किया। पहले बिहार का बहुत बुरा हाल था। जब 24 नवंबर, 2005 को एनडीए की सरकार बनी थी, तब से हमलोग बिहार के विकास में लगे हुये हैं। राज्य में कानून का राज है, सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 को हमलोगों की सरकार बनी थी, तब से राज्य में कानून का राज है और हम लगातार 20 वर्षों से विकास के काम में लगे हुये हैं। याद है ना पहले क्या स्थिति थी, पहले बहुत बुरा हाल था। लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकालते थे। समाज में कितना विवाद होता था। कितना हिन्दू-मुस्लिम झगड़ा होता था। पढ़ाई का क्या हाल था, बहुत कम बच्चे पढ़ते थे, बहुत कम पढ़ाई होती थी। पहले इलाज का पूरा इंतजाम नहीं था। सड़कें बहुत कम थी और जो थी उनका बुरा हाल था। बिजली बहुत कम जगह थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू से ही बिहार के विकास का काम हो रहा है। अब किसी प्रकार के डर एवं भय का वातावरण नहीं है। राज्य में प्रेम, भाईचारा एवं शांति का माहौल है। वर्ष 2006 से ही कब्रिस्तान की घेराबंदी शुरू की गयी है। बड़े पैमाने पर कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। अब कोई झगड़ा झंझट नहीं होता है। वर्ष 2016 से 60 वर्ष से पुराने हिन्दू मंदिरों की घेराबंदी की जा रही है जिससे चोरी आदि की घटनायें नहीं होती हैं। सर्वप्रथम शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। हमलोगों ने बड़ी संख्या में नये स्कूल खोले और नियोजित शिक्षकों की बहाली की। शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक एवं साइकिल योजना चलायी। हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग (बी०पी०एस०सी०) द्वारा 2 लाख 58 हजार सरकारी शिक्षकों की बहाली की गयी है। इसमें पूर्व के 28 हजार 976 नियोजित शिक्षक, सरकारी शिक्षक बन गये। फिर सरकार ने तय किया कि नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है। उन्हें मामूली सी परीक्षा लेकर, सरकारी शिक्षक बनाया जाय। इसके लिए उन्हें 5 मौके देने तय किये गये। इसके तहत अब तक 3 परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। जिसमें 2 लाख 62 हजार नियोजित शिक्षक पास हो गये हैं। अब केवल 77 हजार नियोजित शिक्षक बच गये हैं। इसके बाद 2 मौके और दिये जायेंगे। अब कुल मिलाकर सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 20 हजार हो गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है। पहले स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन एक या दो मरीज आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मुफ्त दवा और इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने औसतन 11 हजार 600 मरीज आते हैं। पहले मात्र 6 मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या अब 12 हो गयी है तथा 20 जिलों में नये मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। बचे 7 जिलों में भी मेडिकल कॉलेज बनाये जायेंगे। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 5 हजार 400 बेड तथा अन्य 5 पुराने मेडिकल कॉलेज को ढाई हजार बेड का किया जा रहा है। साथ ही आईजीआईएमएस को 3 हजार बेड का बनाया जा रहा है। राज्य में सड़कों, पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 6 घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को वर्ष 2016 में पूरा कर लिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों एवं पुल-पुलिया, रेल ओवर ब्रिज, बाईपास एवं एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया है जिससे लगभग 5 घंटे में सबसे दूर वाले क्षेत्र से पटना पहुंचना संभव हुआ है। इसे और बेहतर करने का प्रयास जारी है। बिहार का विकास तेजी से हो रहा है और आगे भी इसी प्रकार होता रहेगा। वर्ष 2024 के दिसम्बर एवं 2025 के जनवरी-फरवरी माह में मैंने प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिलों में जाकर विकास कार्यों को देखा और जो कमी रही उसे पूरा करने के लिए 430 नई योजनाओं की स्वीकृति दी। वर्ष 2015 में सात निश्चय के तहत हर घर तक बिजली, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय तथा टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। वर्ष 2020 से सात निश्चय-2 के तहत सभी योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट, हर खेत तक सिंचाई का पानी, टेलीमेडिसिन, बाल हृदय योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। शुरू से ही युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

 वर्ष 2005 से 2020 के बीच 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी। फिर वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया। सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और अभी तक लगभग 10 लाख युवाओ को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहाँ तक रोजगार की बात है 39 लाख लोगों को रोजगार दे दिया जा चुका है। दोनों को मिलाकर 49 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया है। चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार मिल जायेगा। अब तय किया है कि अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की गयी। अब तक चार चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या मे महिलायें चुनकर आ रही है। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। अब बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे जीविका नाम दिया। अब स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 11 लाख हो गयी है जिसमें जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है। वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिनकी संख्या 37 हजार हो गयी है जिसमें लगभग 3 लाख 85 हजार जीविका दीदियां हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शुरू से ही सभी तबकों का विकास किया है। चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम हो, अपर कास्ट हो, पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, दलित हो, महादलित हो, सभी के लिए काम किया गया है। मुस्लिम समुदाय के लिए भी हमने काफी काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गयी है एवं उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है। वर्ष 2023 में जाति आधारित गणना करायी जिसमें लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी ली गयी है। इसमें 94 लाख गरीब परिवार पाये गये जिसमें अपर कास्ट, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित एवं मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। इनके रोजगार हेतु 2 लाख रुपये की दर से सहायता देना शुरू किया और इस सहायता को 5 वर्षों में सभी लोगों को देना था, अब तय कर दिया है कि इन सभी परिवारों को एक साथ सहायता दी जायेगी जिसके लिए उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास तेजी से हो रहा है और आगे भी इसी प्रकार होता रहेगा। वर्ष 2024 के दिसम्बर एवं 2025 के जनवरी-फरवरी माह में मैंने प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिलों में जाकर विकास कार्यों को देखा और जो कमी रही उसे पूरा करने के लिए 430 नई योजनाओं की स्वीकृति दी है जिन पर 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इन सभी योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। हाल में हमने कुछ नये कदम उठाये हैं जिससे सभी को काफी फायदा होगा।

गांवों में शादी समारोह आयोजित करने के लिए सरकार सभी पचायतों में विवाह भवन का निर्माण करायेगी। इस पर 4 हजार 26 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी। जीविका दीदियों को बैंकों से ऋण के ब्याज को 10 से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। जीविका के सभी कर्मियों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। दीदी की रसोई में खाने की कीमत को 40 रुपये से घटाकर 20 रुपये कर दिया गया है। पंचायत के सभी प्रतिनिधियों, आशाकर्मी, रसोईया, आँगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका, कृषि सलाहकार के मानदेय में बढ़ोत्तरी की गयी है। सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है।

 इससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। वर्ष 2018 में हर घर बिजली पहुँचा दी गयी। सरकार द्वारा शुरू से ही बहुत सस्ती दर पर बिजली दी गयी। अब लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त दी जा रही है। सरकार की तरफ से सभी इच्छुक लोगों के घरों पर सोलर पैनल लगाये जायेगे। हाल ही में महिलाओं के रोजगार के लिए एक नयी योजना मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की स्वीकृति दी गयी है जिससे जीविका दीदियों सहित सभी महिलाओं को फायदा होगा। हर घर की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की राशि दी जायेगी। जिनका रोजगार अच्छा चलेगा उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जायेगी। यह काम इसी सितम्बर माह से शुरू हो जायेगा। बिहार का बजट लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2005-06 में नई सरकार बनने के समय राज्य का बजट मात्र 28 हजार करोड़ रुपये ही था जिसे वर्ष 2006-07 में बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपये किया गया और यह बढ़ते-बढ़ते अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। 2024 के केन्द्रीय बजट में बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के रूप में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य, पर्यटन, बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की थी। 2025 के केन्द्रीय बजट में भी बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता, राष्ट्रीय स्तर के खाद्य प्रसंस्करण संस्थान की स्थापना एवं पटना आई०आई०टी० के विस्तार की घोषणा की गयी है। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 से देश के कुछ राज्यों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के आयोजन का जिम्मा बिहार को मिला, जो गौरव की बात है। इन दिनों आदरणीय प्रधानमंत्री जी का कई बार बिहार आगमन हुआ है तथा उन्होंने विकास के कई कार्यों का उद्घाटन-शिलान्यास किया है। इन सबके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं और उनको धन्यवाद देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मधुबनी जिला में काफी काम कराया गया है। मधुबनी का पहले क्या हाल था। वर्ष 2005 से पूर्व बड़े पैमाने पर अपराध होते थे और झगड़ा झंझट होता था। पहले की सरकार ने कुछ नहीं किया। अब कानून का राज है। हमलोगों ने यहां विकास के सभी काम करा दिये हैं। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक संस्थान की स्थापना की गयी है। महिला आईटीआई एवं सभी अनुमंडलों में आईटीआई की स्थापना की गयी है। झंझारपुर में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कार्य जारी है। जीएनएम एवं पारा मेडिकल संस्थानों की स्थापना की गयी। जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास का निर्माण कराया गया है। 3 अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। मधुबनी जिले में कई पुलों एवं पथों का निर्माण कराया गया है। मधुबनी जिला के उच्चौट भगवती स्थान से सुपौल जिला के बकौर होते हुए सहरसा जाने वाली सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

 झौरी चौक से भुतहा चौक सड़क का चौड़ीकरण कराया गया है। कमला नदी पर पुराना रेल-सह-सड़क पुल का पुनः निर्माण कराया गया है। मधुबनी जिले को बाढ़ से बचाने के लिए कमला बलान नदी एवं कोसी नदी के तटबंधों का उच्चीकरण एवं पक्कीकरण किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सभी प्रकार की मदद दी जाती है। मेरा शुरू से कहना है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। मधुबनी जिले के 237 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया गया है। बचे हुए पंचायत सरकार भवनों का काम तेजी से चल रहा है जो इसी साल पूरा हो जाएगा।

12 जनवरी, 2025 को प्रगति यात्रा के दौरान हम मधुबनी जिला आये थे, यहाँ जो भी कमी रह गयी थी, उसका आकलन कर 7 योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है। इन सभी योजनाओं पर काम चल रहा है। कमला नदी से पुरानी कमला जीवछ नदी की इन्टर लिंकिंग का कार्य किया जा रहा है। मिथिला हाट का और विस्तारीकरण किया जा रहा है। मधुबनी में अंतर्राज्यीय बस अड्डा का निर्माण कराया जा रहा है। मधुबनी शहर के लिए रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। फुलहर स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। मधुबनी के लौकही में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए जमीन का चयन हो चुका है। पश्चिमी कोसी नहर का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लौकहा विधानसभा क्षेत्र में अनेक काम कराये गये हैं। इस विधानसभा में हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर का निर्माण कराया गया है। कई पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया जिसमें खुटौना बाजार से तेनुआही पथ का निर्माण कराया जा रहा है। कमला नदी के पिपरघाट पुल के पास एक अतिरिक्त उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कराया जा रहा है। झोरी चौक से भुतहा चौक तक पथ का निर्माण कराया गया है। इस विधानसभा में 231 ग्रामीण सड़कों तथा 9 पुलों का निर्माण कराया गया है। आप जानते हैं कि अब लगभग सभी को मुफ्त बिजली दी जा रही है। सभी को अधिक से अधिक बिजली मिले, इसके लिए 1 विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कराया गया है।

किसानों को सिंचाई हेतु 1 कृषि फीडर का निर्माण हुआ है। लौकही प्रखंड में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का कार्य कराया गया है। वर्ष 2005 से पूर्व बिहार में लोग परेशान थे, पूरे राज्य में डर एवं भय का माहौल था। समाज में विवाद होता था, न सही ढंग से पढ़ाई की व्यवस्था थी, न इलाज की, न बिजली की, न सड़क की। पहलेवाली सरकार ने कुछ काम नहीं किया। जब से हमारी सरकार बनी है, तब से कानून का राज है, अब कोई झगड़ा झंझट नहीं होता है। हमलोगों ने सभी के लिए काम किया है, चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम हो, अपर कास्ट हो, पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, दलित हो, महादलित हो। इन दिनों काम को और आगे बढ़ाया गया है। आगे बिहार में और ज्यादा काम होगा तथा जहाँ जो भी कमी रहेगी उसे पूरा किया जायेगा। देश की प्रगति में बिहार महत्वपूर्ण योगदान देगा।

कार्यकर्ता संवाद कार्यकम में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, राज्यसभा सांसद सह जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, सांसद रामप्रीत मंडल, विधायक सुधांशु शेखर, विधायक मीना कुमारी, पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती मेहता, जदयू के प्रदेश महासचिव रंजीत कुमार झा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, एनडीए घटक दलों के जिलाध्यक्ष, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे।