बांग्लादेश की बहू लाई, शादी के बाद पति और सास घर छोड़कर फरार
10 जून से अचानक उसका कनेक्शन पति व सास से समाप्त हो गया, जिससे घबराकर 19 जून को वह पटना आई। वह लगातार अभिषेक और सास को कॉल कर रही थी, मगर बात नहीं हो पा रही थी। अभिषेक ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था। इस बीच जब वह फ्लाइट से पटना पहुंची, तो उसे पैनिक अटैक आया। एयरपोर्ट वालों ने देखा कि उसका हार्ट बीट लगातार बढ़ रहा है। इस कारण से उसे पारस हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। इसके बाद वह अभिषेक और उसकी मां के मोबाइल पर लगातार कॉल करतीं रहीं, मगर कोई जवाब नहीं मिला। अभिषेक की छोटी मौसी ने उसे अटेंड किया। फिर चाचा ससुर के बेटा के घर राजेंद्र नगर में रही। इसके बाद वह 17 जुलाई को तख्तश्री पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचीं।

PATNA : बांग्लादेश के सेंथिया की रहने वाली रिया सरकार का मेट्रोमोनियल वेबसाइट के माध्यम से पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के न्यू पाटलिपुत्र, रोड नंबर 3 के 406 ब्लॉक बी वजीर अपार्टमेंट में रहने वाले स्व. देवाशीष चौधरी के बेटे अभिषेक चौधरी के साथ 12 फरवरी, 2024 को बंगलादेश में हिन्दू रीति-रिवाज शादी हुई। शादी के दौरान वहां पति अभिषेक चौधरी, मां पोंपा चौधरी, मौसी सास और उनका बेटा ऑर्थो गांगुली गए थे।
शादी के बाद 14 फरवरी को उन सबों के साथ भारत यानी पटना आ गई। इसके पूर्व मेट्रोमोनियल वेबसाइट के माध्यम से दोनों का परिचय हुआ। इसके बाद 23 दिसंबर को पोंपा चौधरी, उनके बेटे अभिषेक चौधरी उसे देखने 20 दिसंबर, 23 को गए। वहीं रिया सरकार की मां कल्पना सरकार, जो बंगलादेश के सेंथिया, काशीनाथपुर, 6682, पबना गए। उन सबों ने रिया की मां को कहा कि लड़की पसंद है और वह शादी की तारीख तय कर लें।
इसके बाद सेंथिया में स्थित शक्तिपीठ मंदिर गए और पुराहित से फरवरी और जून का तारीख तय हुई। लड़की पक्ष जून में, जबकि लड़का पक्ष फरवरी में ही शादी करने को तैयार था। रिया बंगलादेश में ही एडी बैंक में सीनियर ऑफिसर के पर पर जॉब करती थी और 10 वर्षों से काम कर रही थी। उसकी शादी 12 फरवरी, 24 को अभिषेक चौधरी के साथ हो जाती है। इसके बाद 14 फरवरी को सभी भारत आ गए। इसके बाद 18 फरवरी, 24 को ही पाटलिपुत्र स्थित रोटी रेस्टोरेंट में उन दोनों का वर-वधू स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। रिया वीजा लेकर भारत आईं थीं, इसलिए शादी की छुट्टी के लिए यहां लगातार रहने को नहीं मिल पा रहा था।
उसके बाद वह मई माह में आई। वह लगातार आती-जाती रहीं। बंगलादेश में सिचुएशन जब राजनीतिक रूप से खराब हो गया और वीजा भी समाप्त हो गया। इसके बाद सितंबर में वह अप्लाई की। अक्टूबर में दुर्गापूजा और उसके बाद नवंबर में पटना में रहीं। दिसंबर में भी वह आईं। जनवरी, 25 में हाई कमिशन से सारा डॉक्यूमेंट्स सही होने के बाद अभिषेक उसे लाने के लिए बंगलादेश के सेंथिया पहुंचा। एक फरवरी को वह पटना आ गई। इस बीच 17 अप्रैल को वह कुछ डॉक्यूमेंट के लिए दो सप्ताह के लिए बंगलादेश लौट गई। 10 जून से अचानक उसका कनेक्शन पति व सास से समाप्त हो गया जिससे घबराकर 19 जून को वह पटना आई। वह लगातार अभिषेक और सास को कॉल कर रही थी, मगर बात नहीं हो पा रही थी।
अभिषेक ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था। इस बीच जब वह फ्लाइट से पटना पहुंची, तो उसे पैनिक अटैक आया। एयरपोर्ट वालों ने देखा कि उसका हार्ट बीट लगातार बढ़ रहा है। इस कारण से उसे पारस हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। इसके बाद वह अभिषेक और उसकी मां के मोबाइल पर लगातार कॉल करतीं रहीं, मगर कोई जवाब नहीं मिला। अभिषेक की छोटी मौसी ने उसे अटेंड किया। फिर चाचा ससुर के बेटा के घर राजेंद्र नगर में रही। इसके बाद वह 17 जुलाई को तख्तश्री पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचीं।
वह जीवन से निराश होकर हार गई थी और सुसाइड करने पर उतारू थी। इसी बीच यहां एसजीपीसी, पूर्वी भारत के अध्यक्ष सूरज सिंह नलवा का साथ मिला इन्होने बडे भाई की भूमिका निभाते हुए उसकी खासी मदद की। वह कुछ दिनों तक गुरुद्वारा के रिहाइश में रही। बाद में पुलिस महानिदेशक और पाटलिपुत्र थाना की पुलिस ने मदद की और आगे भी मदद का भरोसा दिया। रिया सरकार के पिता जीवित नहीं हैं। उनका नाम स्वर्गीय रविंद्रनाथ सरकार और मां का नाम कल्पना सरकार है। उसका कोई भाई नहीं है।
फिलहाल, वह यहां अकेले रह रही है। इधर, रिया के पति अभिषेक चौधरी के पिता देवाशीष चौधरी भी जीवित नहीं हैं। उनकी मां पोंपा चौधरी ही हैं। अचानक से वह बेटे को साथ लेकर कहीं चली गई हैं। जब रिया कुछ दिनों के लिए बंगलादेश चली गई और लौटने वाली थी कि उसके पहले ही दोनों कहीं चले गए। फ्लैट के पड़ोसियों ने बताया कि कुछ सामान लेकर दोनों निकले थे। रिया परेशान है कि उसने बंगलादेश में बैंक की नौकरी भी छोड़ दी है।
इधर, पति अभिषेक अपनी मां के साथ कहीं चले गए हैं। वह उसके मोबाइल पर भी संपर्क नहीं कर पा रही हैं। अब वह परेशान है कि वह कहां जाए और क्या करे। वह पुलिस महानिदेशक, पाटलिपुत्र थाना की पुलिस के साथ ही एसजीपीसी पूर्वी भारत के अध्यक्ष सूरज सिंह नलवा का आभार जताती है कि इस बुरे वक्त में उन सबों के साथ अन्य कुछ लोगों का साथ मिला और वह अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। वह मीडिया के माध्यम से अपने पति और सास से हाथ जोड़ प्रार्थना करती है कि दोनों जहां भी हैं, आएं और सभी मिलजुल कर हंसी-खुशी परिवार के साथ रहें।