पैरों और टांगों में असामान्य सूजन और सुन्नापन भी हो सकते हैं हार्ट ब्लॉकेज के संकेत, ऐसे कम करें जोखिम

क्या आप जानते हैं कि आपके पैर और टखने भी हार्ट अटैक का बड़ा संकेत देते हैं। जी हां! रात में आपके पैरों और टांगों में असामान्य सूजन भी हार्ट ब्लॉकेज के संकेत हो सकते हैं। रात में ये लक्षण खास तौर पर दिखाई देते हैं। इसको नजरअंदाज करने पर बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

पैरों और टांगों में असामान्य सूजन और सुन्नापन भी हो सकते हैं हार्ट ब्लॉकेज के संकेत, ऐसे कम करें जोखिम
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Health news : लगातार और बार-बार सिरदर्द, चक्कर आना, छाती में दर्द, सांस फूलना, थोड़ा काम करने पर अधिक थकान, गर्दन, ऊपरी पेट, जबड़े, गले या पीठ में दर्द, ठंड लगना, पैरों या हाथों में दर्द जैसे सामान्य लक्षण तो हार्ट अटैक के हैं ही, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पैर और टखने भी हार्ट अटैक का बड़ा संकेत देते हैं। जी हां! रात में आपके पैरों और टांगों में असामान्य सूजन भी हार्ट ब्लॉकेज के संकेत हो सकते हैं। रात में ये लक्षण खास तौर पर दिखाई देते हैं। इसको नजरअंदाज करने पर बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

 medlineplus.gov वेबसाइट के अनुसार, आपके पैरों, टखनों या पंजों में असामान्य सूजन या सुन्नता इस बात के संकेत हो सकते हैं कि शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। अक्सर हमलोग लेटते समय पैरों में दर्द या ऐंठन को नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि आम आदमी इस लक्षण को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे संकेत हार्ट अटैक या नसों में ब्लॉकेज के संकेत हो सकते हैं। रात में बिस्तर पर लेटते ही पैरों में दर्द होना रक्त संचार में गड़बड़ी के संकेत हैं, और इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अगर रात में आपके पैरों में भी दर्द या ऐंठन होता है या पंजों में असामान्य सूजन होता है तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आपके पैरों को पर्याप्त ऑक्सीजनयुक्त ब्ल्ड की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

 कई बार यह दर्द पिंडलियों, जांघों या पैरों में ऐंठन या अकड़पन के रूप में महसूस हो सकता है। ऐसे में जब आप उठकर बैठ जाते हैं या पैरों को जमीन पर लटका देते हैं तो अक्सर देखा जाता है कि दर्द कम हो जाता है। ऐसा इसलिए हो पाता है, क्योंकि जमीन के संपर्क में आते ही ग्रेविटी के कारण रक्त का संचार बढ़ जाता है और दर्द कम महसूस होने लगता है। अगर आपके पंजे या पैर की उंगलियां अक्सर रात में ठंडी रहती है तो यह संकेत भी घातक हो सकता है। अगर आप मोजे पहने हों या कंबल से पैर को ढक रखे हों और फिर भी अगर उंगलियां ठंडी हैं तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है।

 ऐसा इसलिए होता है कि आपके दिल की संकरी धमनियां बल्ड को अच्छी तरह से पंप नहीं कर पाती हैं, जिससे आपके सभी अंगों में रक्त का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में कई बार एक पैर ज्यादा ठंडा हो जाता है, या पैरों की उंगलियां नीली या पीली भी पड़ जाती हैं। ऐसा संकेत मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस तरह के लक्षण सही तरीके से रक्त संचार का संकेत नहीं होने से दिखते हैं। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डायबिटीज के मरीजों में ये लक्षण खास तौर पर देखने को मिल सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रात में पैरों और पंजों में लगातार झुनझुनी या सुन्नापन रक्त संचार में अवरोध के लक्षण हैं। जब आप बिस्तर पर सपाट लेटते हैं और पैरों में झुनझुनी या सुन्नापन का अहसास होता है तो ये ब्लड फ्लों में बाधा का कारण हो सकता है, क्योंकि सोते समय पैरों का संपर्क जमीन से नहीं होता है और ऐसे में ग्रेविटी ना मिलने से ब्लड फ्लों में मदद नहीं मिलती है। यह कोरोनरी धमनी रोग का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा अगर बिना किसी कारण के आपके पैरों में सूजन दिखता है तो यह भी ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। शाम में या रात के दौरान आपके पैरों में सूजन कंजेस्टिव हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकते हैं।

पैरों और पंजों में असामान्य रंग परिवर्तन, कसी हुई त्वचा असामान्य रूप से लाल, बैंगनी या पीली दिखाई दे तो यह भी खून में आपूर्ति के संकेत हो सकते हैं। ये ऐसे संकेत हैं जो इशारा कते हैं कि आपकी दिल ठीक से रक्त को पंप नहीं कर पा रहा है। एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बिमल झांजर ने बताते हैं कि हार्ट अटैक जब आता है जब दिल का एक हिस्सा मरने लगता है, क्योंकि उस समय 100 फीसदी ब्लॉकेज हो जाती है। इससे प्रभावित 95 फीसदी लोग अस्पताल जाने में बहुत देर कर देते हैं। उनके अस्पताल में देर से जाने का कारण हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानने में देरी करना है। दिल की बीमारी न सिर्फ देश में तेजी से पनपने वाली बीमारी है, बल्कि दुनिया भर में दिल से जुड़े मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। 

भारत में सबसे ज्यादा दिल के रोगी है। भारत में हर दस सेकंड में एक दिल के मरीज की मौत होती है। हार्ट की बीमारी में अगर समय रहते लक्षणों को पहचान लिया जाए तो एक बड़े हादसे से बचा जा सकता है। हार्ट की बीमारी में सिर्फ दिल में ही दर्द नहीं होता, बल्कि बॉडी में और भी कई बदलाव होते हैं, जिनका जिक्र उपर किया गया है। ऐसे में धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से बचें, प्रतिदिन कम से कम 30 से 60 मिनट तक व्यायाम करने या टहलने का लक्ष्य तय करें। हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्धक आहार लें और कम से कम सात से आठ घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लें। डायबिटीज रोगियों को तनाव ना लेने की सलाह भी डॉ. बिमल ने दी है।