700 वर्ष पुराना खानकाह कादरिया चिश्तीया नेजामिया दानापुर में गौसुलआजम का तबुरकात की जियारत
700 वर्ष पुराना खानकाह कादरिया चिश्तीया नेजामिया दानापुर के शाहटोली मे गौस उल आजम का तबुरकात जोहर की नमाज के बाद हजरत गौसुलआजम का तबुरकात की जियारत और दो दिवसीय उर्स भी संपन्न हुआ। दूसरे राज्यों से आने वाले जायरीनों की संख्या तो काफी रही
DANAPUR: 700 वर्ष पुराना खानकाह कादरिया चिश्तीया नेजामिया दानापुर के शाहटोली मे गौस उल आजम का तबुरकात जोहर की नमाज के बाद हजरत गौसुलआजम का तबुरकात की जियारत और दो दिवसीय उर्स भी संपन्न हुआ। दूसरे राज्यों से आने वाले जायरीनों की संख्या तो काफी रही, लेकिन पटना और आसपास के जिलों के लोग गौस उल आजम के तबुरकात की दीदार के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे।
गौसुलआजम का तबुरकात के मौके पर नमाज फज्र के बाद कुल, कुरआन ख्वानी, फातिहा के बाद महफिले शमां का दौर शुरू हुआ। सुफियाना कलाम पर जायरीन झूमते नजर आए। असर नमाज के बाद सज्जादानशीं पीर हजरत सैयद शाह अहमद सुल्तान कादरी ने हजरत गौसुलआजम साहब के तबुरकात की जियारत कराई। जियारत के लिए आए जायरीन अपने गौशपाक के तबुरकात के दीदार के लिए घंटों कतार में खड़े रहे। गौस उल आजम का तबुरकात का दीदार होते ही अल्लाह और उनके नबी का शुक्रिया अदा कर हंसते चेहरे के साथ घर लौट गए। इससे पूर्व महिलाओं ने भी गौस उल आजम का तबुरकात की जियारत की। इधर, खानकाह कादरीया चिशतीया के संस्थापक पीर हजरत कादरीया के मजार पर शाम को चादरपोशी का दौर भी पूरा किया अकीदतमंद अपनी मन्नतों के लिए अल्लाह से दुआओं की फरियाद करते रहे।
दानापुर से रजत राज की रिपोर्ट