मोदी-पुतिन की मीटिंग से पश्चिमी देशों को जलन क्यों हो रही? दो दिवसीय दौरे में छिपा क्या संदेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर रवाना हो गए हैं। वह 8 और 9 जुलाई को मॉस्को में रहेंगे और 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
NEW DELHI: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर रवाना हो गए हैं। वह 8 और 9 जुलाई को मॉस्को में रहेंगे और 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को रवाना होने से पहले खुद ट्वीट कर कहा कि वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए आशान्वित हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि हम अगले तीन दिन रूस और ऑस्ट्रिया में रहेंगे। ये यात्राएं उन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगी, जिनके साथ भारत की गहरी मित्रता है। मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान क्षेत्रों सहित विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले दस वर्षों में बहुत आगे बढ़ी है। पीएम मोदी ने कहा मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए बहुत उत्सुक हूं। हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए अपनी सहायक भूमिका निभाना चाहते हैं। यह यात्रा मुझे रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का भी अवसर प्रदान करेगी।
पीएम मोदी का दौरा अहम क्यों?
पीएम मोदी पांच साल बाद रूस जा रहे हैं। इसके अलावा उनका दौरा तब हो रहा है, जब रूस और यूक्रेन के बीच पिछले करीब ढाई साल से युद्ध चल रहा है और अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद पीएम मोदी का यह पहला रूस दौरा है। इसके अलावा लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा है।