बांका के कटोरिया में बनेगा चौथा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, 11 हजार सिपाहियों के प्रशिक्षण की होगी व्यवस्था

बिहार में साल में औसतन 20 हजार सिपाहियों की बहाली की जा रही है। इन्हें समुचित प्रशिक्षण देने के लिए नए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करने की कवायद भी शुरू हो गई है। इसके तहत ही बांका जिला के कटोरिया में चौथा पुलिस ट्रेनिंग केंद्र की स्थापना होने जा रही है। इसके लिए 51.40 एकड़ जमीन को ट्रांसफर करने की स्वीकृति दे दी गई है। वर्तमान में दो पुलिस प्रशिक्षण केंद्र डुमरांव और नाथनगर (भागलपुर) में मौजूद है। तीसरे केंद्र के लिए सिमुलतला में स्वीकृति पहले से मिली हुई है। इसका निर्माण भी जल्द पूरा होने के बाद यह चालू हो जाएगा। चौथा केंद्र कटोरिया में बनने जा रहा है।

बांका के कटोरिया में बनेगा चौथा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, 11 हजार सिपाहियों के प्रशिक्षण की होगी व्यवस्था
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PATNA : बिहार में साल में औसतन 20 हजार सिपाहियों की बहाली की जा रही है। इन्हें समुचित प्रशिक्षण देने के लिए नए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करने की कवायद भी शुरू हो गई है। इसके तहत ही बांका जिला के कटोरिया में चौथा पुलिस ट्रेनिंग केंद्र की स्थापना होने जा रही है। इसके लिए 51.40 एकड़ जमीन को ट्रांसफर करने की स्वीकृति दे दी गई है। वर्तमान में दो पुलिस प्रशिक्षण केंद्र डुमरांव और नाथनगर (भागलपुर) में मौजूद है। तीसरे केंद्र के लिए सिमुलतला में स्वीकृति पहले से मिली हुई है। इसका निर्माण भी जल्द पूरा होने के बाद यह चालू हो जाएगा। चौथा केंद्र कटोरिया में बनने जा रहा है।

इस मामले में एडीजी (आधुनिकीकरण) सुधांशु कुमार ने बताया कि वर्तमान में मौजूद सिपाही प्रशिक्षण केंद्रों में 11 हजार सिपाहियों के प्रशिक्षण की क्षमता है। जबकि हर वर्ष 20 हजार के आसपास सिपाहियों की बहाली हो रही है। अभी इनकी ट्रेनिंग अलग-अलग बीसैप की वाहिणियों समेत अन्य स्थानों पर कराया जा रहा है। ट्रेनिंग केंद्रों के चालू होने से सिपाहियों का प्रशिक्षण समुचित तरीके से हो सकेगा। उन्होंने बताया कि बांका में बनने वाले इस सिपाही प्रशिक्षण केंद्र में सिपाहियों का बुनियादी प्रशिक्षण के अलावा समय-समय पर दिने जाने वाले सेवाकालीन प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। एडीजी ने बताया कि सिपाही प्रशिक्षण केंद्र के अलावा अन्य पुलिस प्रतिष्ठानों के भवनों के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है। पुलिस की आधारभूत संरचना को सुधारने का प्रयास निरंतर जारी है। इसके लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू की गई है।