बिहार के पुलिसकर्मियों की सरकार से गुहार, रेंडम ट्रांसफर सिस्टम पर मानवीय आधार पर करें विचार

राज्य के हजारों पुलिसकर्मियों ने सरकार और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से रेंडम ट्रांसफर सिस्टम पर मानवीय आधार पर विचार करने की गुहार लगाई है। इन पुलिसकर्मियों ने एक संयुक्त पत्र जारी करते हुए Randomized System Generated Transfer को तत्काल रद्द करने की मांग की है।

बिहार के पुलिसकर्मियों की सरकार से गुहार, रेंडम ट्रांसफर सिस्टम पर मानवीय आधार पर करें विचार

PATNCITY : राज्य के हजारों पुलिसकर्मियों ने सरकार और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से रेंडम ट्रांसफर सिस्टम पर मानवीय आधार पर विचार करने की गुहार लगाई है। इन पुलिसकर्मियों ने एक संयुक्त पत्र जारी करते हुए Randomized System Generated Transfer को तत्काल रद्द करने की मांग की है। 

जवानों का कहना है कि यह स्थानांतरण प्रणाली न केवल अमानवीय है, बल्कि इससे उनकी कार्यक्षमता पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि दिनांक 05.05.2025 को पुलिस मुख्यालय के ज्ञापन संख्या पी0-3-13-01-2025/190 के तहत लगभग 20 हजार पुलिसकर्मियों का रेंडम ट्रांसफर कर दिया गया, जो पूरी तरह सिस्टम जनरेटेड है। इसका कोई मानवीय आधार नहीं है। 

पुलिसकर्मियों का आरोप है कि इस फैसले ने उनकी पारिवारिक और सामाजिक स्थिति को झकझोर कर रख दिया है। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में पुलिस मुख्यालय द्वारा एक सकारात्मक पहल करते हुए क्षेत्रीय स्तर पर सुझाव मंगवाए गए थे और कल्याणकारी स्थानांतरण नीति की उम्मीद जगी थी, लेकिन हालिया रेंडम ट्रांसफर ने उस आशा पर पानी फेर दिया। पत्र में विशेष रूप से मांग की गई है कि कल्याणकारी, पारिवारिक और सामाजिक पक्षों को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण किया जाए, न कि सिर्फ सिस्टम के आधार पर। 

वहीं NBC24 से ऑफ कैमरा बातचीत में एक सिपाही ने बताया, "मेरे बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, और स्कूल की गतिविधियों में हमें भी भाग लेना होता है। अचानक इतनी दूर पोस्टिंग दे दी गई है कि पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाना मुश्किल हो जाएगा। हम बस चाहते हैं कि हमारी बात सुनी जाए और इंसानियत के आधार पर फैसला हो।"

फिलहाल यह मुद्दा राज्यभर के पुलिस महकमे में चिंता का विषय बना हुआ है। पुलिसकर्मियों की भावनाएं स्पष्ट हैं - वे कल्याणकारी और व्यावहारिक स्थानांतरण नीति की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है।

पटनासिटी से अनिल कुमार की रिपोर्ट