Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम वाले बाबा के पहुंचने से बिहार की सियासत पर कितना होगा असर? समझें
बाबा की हनुमान कथा शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ ने राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ा दी है। दावा किया जा रहा है कि हर रोज करीब 10 से 15 लाख श्रद्धालु इसमें शामिल हो रहे हैं।कहा जा रहा है कि इसके जरिए हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश है। आइए जानते हैं कि बागेश्वर धाम वाले बाबा के पटना पहुंचने से बिहार की सियासत पर कितना असर होगा?
NBC24 DESK:-बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों बिहार में हैं। यहां वह पटना में हनुमान कथा करा रहे हैं। बाबा की हनुमान कथा शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ ने राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ा दी है। दावा किया जा रहा है कि हर रोज करीब 10 से 15 लाख श्रद्धालु इसमें शामिल हो रहे हैं।
भीड़ को देखते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से टीवी पर प्रवचन देखने की अपील की है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत बिहार भाजपा के कई नेता भी दरबार पहुंचे। भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह हनुमान कथा को फेल करना चाहती है।
वहीं, दूसरी ओर इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसके जरिए हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश है। आइए जानते हैं कि बागेश्वर धाम वाले बाबा के पटना पहुंचने से बिहार की सियासत पर कितना असर होगा?
क्यों चर्चा में रहते हैं धीरेंद्र शास्त्री?
आपको बता दे कि, बागेश्वर धाम के प्रमुख राम और हनुमान कथा करते हैं। इसी दौरान वह दिव्य दरबार भी लगाते हैं। दावा किया जाता है कि पर्ची के जरिए कथा में शामिल होने आए लोगों का नाम निकाला जाता है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे धीरेंद्र शास्त्री अपने पास मंच पर बुलाते हैं। उस व्यक्ति के मंच पर आने से पहले ही धीरेंद्र शास्त्री अपने पास पड़े कागज में उस शख्स की समस्या लिखने का दावा करते हैं। इसके अलावा उसे समाधान भी बताते हैं। लोगों का कहना है कि बागेश्वर धाम वाले हनुमान जी की कृपा से लोगों का दुख-दर्द धीरेंद्र शास्त्री दूर कर देते हैं।
हिंदू राष्ट्र की बात पर होती है राजनीति
धीरेंद्र शास्त्री अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। वह कहते हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। काशी, मथुरा और अयोध्या को लेकर भी कई बयान दे चुके हैं। धीरेंद्र शास्त्री सभी हिंदुओं को एकजुट करने की बात करते हैं। यही कारण है कि धीरेंद्र शास्त्री की कथा से पहले ही लालू यादव के बेटे ने उन्हें चेतावनी दे डाली थी कि अगर वह इस दौरान हिंदू-मुस्लिम की कोई बात करते हैं तो उन्हें इसका सबक सिखाया जाएगा।
बिहार की सियासत पर बाबा की कथा का कितना पड़ेगा असर?
इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक संजय मिश्र से बात की। बिहार से ताल्लुक रखने वाले संजय ने कहा, 'बिहार में जातिगत राजनीति काफी हावी है। शुरू से ही बिहार में अलग-अलग जातियों को लेकर राजनीति होती रही है। अलग-अलग जातियों के अपने-अपने नेता है। भाजपा इस जातीय राजनीति को हिंदूवादी राजनीति में बदलने की कोशिश कर रही है।’
मिश्र कहते हैं, ‘धीरेंद्र शास्त्री की कथाओं में बड़ी संख्या में दलित और पिछड़े वर्ग के लोग भी आते हैं। बिहार में परंपरागत रूप से इन्हें राजद-जदयू जैसी पार्टियों का वोटबैंक माना जाता है। अगर यह वोटर हिंदुत्व के नाम पर एकजुट होता है तो इसका नुकसान इन पार्टियों को सकता है। वहीं, भाजपा को इससे फायदा हो सकता है।'