Bihar Lok Sabha Chunav Result 2024: बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने लुटिया डुबोई..! देश में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई
मतगणना के नतीजे अब धीरे-धीरे मजबूत होते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के 543 सीटों का आंकड़ा अब साफ होता जा रहा है। अभी तक के ताजा अपडेट के मुताबिक पूरे देश भर में 543 लोकसभा सीट पर इंडिया 232 सीट और एनडीए 291 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। नतीजे से साफ हुआ है कि मोदी का मैजिक तीसरी बार नहीं चला है।
PATNA: मतगणना के नतीजे अब धीरे-धीरे मजबूत होते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के 543 सीटों का आंकड़ा अब साफ होता जा रहा है। अभी तक के ताजा अपडेट के मुताबिक पूरे देश भर में 543 लोकसभा सीट पर इंडिया 232 सीट और एनडीए 291 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। नतीजे से साफ हुआ है कि मोदी का मैजिक तीसरी बार नहीं चला है। अगर कांग्रेस पार्टी बिहार में मजबूती के साथ अपने दम पर चुनाव लड़ती या यूं कहें कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ दी होती तो नतीजे कुछ और होते। राजद की पिछलग्गू पार्टी बनकर रहने का खामियाजा आज साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष ने अपना पत्ता साफ कर लिया और राज्यसभा चले गए अपने बेटे आकाश कुमार सिंह के लिए महाराजगंज सीट ले ली।
सूत्रों की मानें तो बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार में कई उम्मीदवारों का पत्ता काटकर अपने चहेते उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने में मदद की। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और राहुल गांधी सहित दिल्ली में कई नेताओं को भ्रमित करने का काम किया। बिहार में कांग्रेस कई लोकसभा क्षेत्र में मजबूत स्थिति में थी। मगर राजद ने कांग्रेस को दरकिनार कर पहले ही मनचाही सीट और सिंबल देकर प्रत्याशी खड़े कर दिए। प्रदेश अध्यक्ष ने यदि सही आंकड़ा और सही कैंडिडेट का चयन किया होता, तो आज बिहार में कांग्रेस मजबूत स्थिति में होती। क्योंकि जिस तरह से पूरे देश में राहुल गांधी की न्याय यात्रा और लोगों के प्रति आकर्षण बढ़ा है, राहुल गांधी के भाषणों का असर दिखा है, जितनी सीटें आज बहुमत के लिए कम पड़ रही है, अगर कांग्रेस ने मजबूती से यहां के प्रदेश अध्यक्ष को बदलकर एक नए बिहार की कल्पना की होती तो शायद आज विपक्ष की भूमिका में नहीं होती।
कांग्रेस के कई नेताओं ने नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस पार्टी में नेताओं का एक बड़ा खेमा अखिलेश सिंह से नाराज है। कांग्रेस के रिजल्ट पर जहां देश भर में खुशी जाहिर की वहीं बिहार-झारखंड में जो परिणाम आए हैं उसके लिए प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि अभी भी नतीजे के सही आंकड़े आने में वक्त लगेगा। लेकिन इतना जरूर है कि बिहार के रुझान ने स्पष्ट कर दिया कांग्रेस को अब मजबूती से पार्टी को बचाने के लिए सोचना पड़ेगा। पूरे देश में जनता बदलाव के मूड में थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी बहुमत का आंकड़ा छूते-छूते रह गई। जिसके लिए बिहार कांग्रेस के नेताओं ने अपने प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट