लोकसभा सीटों पर महागठबंधन में खींचतान शुरू ! नीतीश के पीएम बनने पर हम की दो टूक

लोकसभा चुनाव भले ही एक साल बाद होना हो. लेकिन राजनीतिक दलों की ओर से अभी से ही लोकसभा सीटों पर सियासी समीकरण साधना शुरू हो चुका है. जहाँ विपक्षी एकता की मुहिम को मजबूत करने में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई राजनीतिक दलों से मिल चुके हैं.

लोकसभा सीटों पर महागठबंधन में खींचतान शुरू ! नीतीश के पीएम बनने पर हम की दो टूक

NBC24 DESK - लोकसभा चुनाव भले ही एक साल बाद होना हो. लेकिन राजनीतिक दलों की ओर से अभी से ही लोकसभा सीटों पर सियासी समीकरण साधना शुरू हो चुका है. जहाँ विपक्षी एकता की मुहिम को मजबूत करने में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई राजनीतिक दलों से मिल चुके हैं. वही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी के बेटे और हम के प्रमुख संतोष सुमन ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में हम बिहार की सभी सीटों पर मजबूत होना चाहते हैं. साथ ही 7 से 8 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. 

उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा करना और उनकी राजनीति भागीदारी में सुनिशिचित करना हमारी पार्टी का उद्देश्य है. आगामी लोकसभा चुनाव के पहले इसी वर्ष 26 नवंबर 2023 को पटना के गांधी मैदान में हमारी पार्टी एक रैली करने वाली है. इसमें राज्यभर से हमारे लाखों कार्यकर्ता शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि 7 से 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की हम ने तैयारी की है. सहयोगी दल के रूप में महागठबंधन में हमारी पार्टी को उचित भागीदारी मिलनी चाहिए. आपको बताते चले कि उन्होंने ये भी कहा कि कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि किसी भी हालत में 4 से 5 सीट पर हम चुनाव लड़ें. वहीं शेष सीटों पर हमारे कार्यकर्ता अन्य दलों को फायदा पहुंचाएंगे. 

इस बीच संतोष सुमन ने कहा कि वे भी चाहते हैं कि बिहार का कोई व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बने. ऐसे में अगर नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें तो हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी. इसके लिए अगर लोकसभा चुनाव के दौरान हमारे दल को 1 से 2 सीट कम भी मिले तो हम मान जाएंगे क्योकि हम सब चाहते हैं कि नीतीश कुमार पीएम बने. उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव में लम्बा वक्त है. सीटों के बंटवारे पर महागठबंधन के सातों दलों के बीच बात होगी तब अंतिम निर्णय होगा. सभी के बीच आपसी विचार के बाद अंतिम निर्णय होगा. लेकिन हम गरीबों के अधिकारों के लिए मांग करेंगे. 

आरक्षित सीटों वर्षों से कुछ खास लोगों के कब्जे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में लोकसभा की 6 सीटें आरक्षित हैं. वहीं विधानसभा की 36 सीटें एससी और एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. लेकिन यह देखा जाना चाहिए कि क्या इसमें एससी एसटी में उन लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिला है जो आज तक राजनीतिक रूप से पिछड़े है. हमारी पार्टी ऐसे एससी-एसटी वर्ग को चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व उन आरक्षित सीटों पर देना चाहती है.