अवध-पूर्वांचल से रुहेलखंड तक मंत्रियों पर दांव लगाने की तैयारी, UP में एक-चौथाई बीजेपी सांसदों के कटेंगे टिकट !

Loksabha Election: -मिशन 2024 के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। सभी 66 सांसदों के बारे में फीडबैक जुटाया जा रहा है। कई सांसद जो 75 साल से ज्‍यादा हैं, उनके भी टिकट काटने की तैयारी है। पिछली बार की तरह इस बार भी योगी सरकार के कई मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है।

अवध-पूर्वांचल से रुहेलखंड तक मंत्रियों पर दांव लगाने की तैयारी, UP में एक-चौथाई बीजेपी सांसदों के कटेंगे टिकट !
  • NBC24 DESK:- लखनऊ: दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी ही तय करता आया है इसलिए 2024 में भी सत्ता बनाए रखने के लिए भाजपा ने अब तक मुफीद रही यूपी की सियासी जमीन को और 'उपजाऊ' बनाने की कसरत शुरू कर दी है।आपको बता दे कि, अभियानों-जनसंपर्कों के बीच पार्टी ने उन सांसदों की भी स्कैनिंग शुरू कर दी है, जिनके फीडबैक बहुत खराब हैं। इनके टिकट कटेंगे। वहीं साथ ही यह भी बता दे कि , योगी सरकार के कुछ मंत्रियों को भी समीकरण व प्रभाव के आधार पर चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतारा जाएगा।
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  • *भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है
  • *यूपी में करीब एक चौथाई सांसदों का टिकट कट सकता है
  • *योगी सरकार के कई मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा
  • आपको बताते चले कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 2019 के चुनाव में भाजपा ने 62 और उसके सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीती थीं। उपचुनाव में रामपुर और आजमगढ़ जीतकर भाजपा ने जीती सीटों की संख्या बढ़ाकर 66 कर ली है। हारी सीटों पर जीत के लिए तो कसरत दो साल पहले ही शुरू की जा चुकी है। इसी बीच जीती सीटों को बचाए और बनाए रखने पर रणनीतिकारों ने ध्यान केंद्रित किया है। इसलिए चेहरों के चयन की जमीनी कसरत शुरू हो गई है।
  • चेहरे बदलने का प्रयोग जारी रहेगा !
  • दरअसल राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बड़े पैमाने पर चेहरे बदले थे, जिससे स्थानीय स्तर पर नाराजगी की आशंकाओं को दूर किया जा सके। साथ सूत्रों के अनुसार यूपी में पार्टी कम से कम एक-चौथाई चेहरों को बदलेगी। हालांकि बरेली व कानपुर के सांसद 75 साल की उम्र सीमा पार कर रहे हैं। इसलिए इनके टिकट पर संकट है। अवध के एक सांसद जिस तरह विवादों में घिरे हैं, उसमें उनका टिकट भी खतरे में हैं। खबर यह भी है कि वह पिछली पार्टी में भी संभावनाओं को टटोल रहे हैं। पूर्वांचल के धान बेल्ट के एक 'आयातित' सांसद को लेकर भी फीडबैक ठीक नहीं है। 2022 में जिले से जीते-हारे भाजपा के चेहरे उनकी लिखित शिकायत कर चुके हैं, जिसमें उन पर चुनाव हरवाने जैसे आरोप भी हैं। रुहेलखंड के हाई-प्रोफाइल सांसद पार्टी के खिलाफ जिस तरह से मुखर हैं,बता दे, उनके भी टिकट बने रहने की संभावना कम है। 2014 में भाजपा के जीत की जमीन वेस्ट यूपी में जहां से तैयार हुई थी, वहां के सांसद भी अपनी सीट पर असहज है और नया ठिकाना तलाश रहे हैं। उनकी नगर कृष्णनगरी की उस सीट पर है, जिस पर मौजूदा सांसद के फिर दावेदारी की संभावना काफी कम है। इसके अलावा भी NCR की कुछ और सीटों पर टिकट बदलने के असर हैं।
  • सरकार से लाए जाएंगे चेहरे !
  • साथ ही आपको बता दे कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने योगी सरकार के चार मंत्रियों को चुनाव लड़ाया था। इसमें पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद, पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा, कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी कानपुर से सांसद बने थे।दरअसल सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा अंबेडकरनगर से चुनाव हार गए थे। इस बार भी पार्टी सरकार के चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। इसमें कुछ खुद ही चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े दिनेश प्रताप सिंह स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री है। इस बार भी उनकी दावेदारी की चर्चा है। प्रयागराज में भी दावेदारी को लेकर रस्साकशी चल रही है। बगल के जिले के एक कद्दावर मंत्री को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। वहीं बनारस से आजमगढ़ के बीच की सीटों पर भी यहां से आने वाले मंत्री लोकसभा में उतारे जा सकते हैं। रुहेलखंड में भी तीन मंत्रियों को उम्मीदवार बनाने पर पार्टी विचार कर रही है। इसमें कांग्रेस से आए एक कैबिनेट मंत्री अपनी परंपरागत सीट पर टिकट के लिए पसीना बहा रहे हैं। इस बार संगठन में सरकार में गए एक नेता व एक लोध बिरादरी से आने वाले मंत्री के नाम भी इसमें शामिल हैं। एनसीआर की एक अहम सीट पर भी पार्टी सरकार के एक जाट चेहरे पर दांव लगाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार हाल में ही कुछ मंत्रियों को दिल्ली बुलाया भी गया था