नीतीश सरकार को राहत की आस, बिहार में जाति आधारित गणना पर SC में सुनवाई आज
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को बिहार में जाति अधारित सर्वेक्षण मामले में न्यायमूर्ति संजय करोल के खंडपीठ से अपना नाम वापस ले लेने के कारण इसे रद्द कर दी गई है।
NBC24 DESK - इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को बिहार में जाति अधारित सर्वेक्षण मामले में न्यायमूर्ति संजय करोल के खंडपीठ से अपना नाम वापस ले लेने के कारण इसे रद्द कर दी गई है। पटना उच्च न्यायालय द्वारा बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण पर लगाई गई रोक को राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। पटना हाईकोर्ट की बिहार में जाति आधारित गणना पर रोक के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया। इस वज़ह से बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई। अब आज यानी गुरुवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। पटना हाईकोर्ट ने 4 मई को सुनवाई के बाद जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वे को रोकने के आदेश दे दिए थे। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को तय की है। साथ ही इसी बीच राज्य सरकार ने जल्द सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। जाति आधारित गणना पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका में कहा है कि रोक से पूरी कोशिश पर खराब असर पड़ेगा। जाति के आधार पर डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है ऐसा बिहार सरकार का कहना है। संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगा। अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अंतर्गत किसी भी कार्यालय में नियुक्ति के संबंध में सभी के लिए समान अवसर होंगे।