मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की रहस्यमय कालाबाजारी, जानिए कैसे चलता था पूरा खेल
एक बड़े कांड का खुलासा मुजफ्फरपुर जिले के सदर अस्पताल में हुआ है। कुछ लोगों ने इस अस्पताल से कालाबाजारी का एक नेक्सस तैयार किया हुआ था। दूसरे प्रदेशों में अस्पताल के वैक्सीन को बेच देते थे। सदर अस्पताल के ओटी असिस्टेंट की गिरफ्तारी की गई है। पूरा मामला काफ़ी चौंका देने वाला है। किसी भी अस्पताल के लिए एंटी रेबीज वैक्सीन जीवन रेखा की तरह काम करता है।
NBC24 DESK - हरियाणा पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सदर अस्पताल में कार्यरत ओटी असिस्टेंट को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि सदर अस्पताल के एंटी रेबीज इंजेक्शन को ओटी असिस्टेंट बाहर सप्लाई करता था। उसे बाजार में बेच देता था। हरियाणा पुलिस ने उसे दवा कंपनी के एम आर की निशानदेही पर गिरफ्तार कर लिया। लगभग पांच सौ एंटी रेबीज इंजेक्शन हरियाणा पुलिस ने पूर्व में जब्त किया था। उसके बाद कार्रवाई के दौरान ओटी असिस्टेंट को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल आरोपी को नगर थाना में रखा गया है। हरियाणा पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने के बाद अपने साथ ले जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जानकारी से पता चला है कि ओडिशा के रायगढ़ निवासी अनिरुद्ध गौर मुंबई के प्राइवेट दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम करता है। जहां बिहार सरकार एंटी रेबीज इंजेक्शन की खरीदी करती है। जैसा की आपको बता दें कि अनिरुद्ध हमेशा मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में आता जाता रहता है। इसी बीच उसकी दोस्ती सदर अस्पताल के ओटी असिस्टेंट नीलेश कुमार से हुई थी। नीलेश से उसकी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। दोनों ने मिलकर एंटी रेबीज इंजेक्शन की कालाबाजारी का खेल शुरू कर दिया। इस खेल में दोनों बराबरी से शामिल थे। फर्जी तरीके से नीलेश मरीजों का पुर्जा बनवाता था। इंजेक्शन मिलने के बाद उसे ओडिशा के मित्र को 400 रुपये में बेच देता था। हरियाणा के दवा सप्लायर प्रवीण को अनिरुद्ध उसी इंजेक्शन को दोबारा ऊंची कीमतों पर बेच देता था। एक इंजेक्शन का अनिरुद्ध दो हजार रुपये लेता था। हरियाणा पुलिस के एक्टिव होने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। सबसे पहले हरियाणा पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार किया। उसके साथ पूछताछ में सारे खेल का खुलासा हुआ। इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड के बारे में प्रवीण ने सारी जानकारी पुलिस को दे दी। अनिरुद्ध गौर को पुलिस ने ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने नीलेश को अनिरुद्ध की ओर से मिली जानकारी के बाद मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया।
पुलिस को अनिरुद्ध ने बताया कि उसके इंजेक्शन का सोर्स मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में रहता था। उसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हरियाणा पुलिस के आईओ इंद्रसेन ने पूरे मामले को लेकर बताया है कि मुजफ्फरपुर के नीलेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरियाणा और ओडिशा से पकड़े गए दवा कारोबारी से पूछ ताछ के बाद ये गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों पर यह आरोप है कि वह सदर अस्पताल की एंटी रेबीज वैक्सीन डोज को दूसरे राज्य में बेचा करते थे। इस मामले में ओडिशा से पकड़े गए एक शख्स अनिरुद्ध गौर से ये सारा खुलासा हुआ है। जिसमे पुलिस आगे की करवाई कर रही है। साथ ही पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पूरे मामले की आंतरिक जांच करेगी और पता करेगी कि किस तरह सेंट्रल स्टोर से ओटी असिस्टेंट के पास दवा जाती थी।