Artificial Intelligence की मदद से 32 साल का युवक बना अरबपति, बनाई 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति

Artificial Intelligence का इस्तेमाल कर खरबों कमाने का एक दिलचस्प मामला सामने आया है। जापान में एक 32 साल का युवा अब बिलियनेयर बनने वाला है। अभी तक इसकी 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर लगभग 1.27 अरब डॉलर की संपत्ति है।

Artificial Intelligence की मदद से 32 साल का युवक बना अरबपति, बनाई 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति

NBC24 DESK:- दुनिया की सबसे बुजुर्ग आबादी वाले देश जापान में 32 साल के युवा शुनसाकु सगामी अब बिलियनेयर बनने वाले हैं।आपको बता दे कि दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला जापान से भी सामने आ रहा है। शुनसाकु ने AI की मदद से खुद की 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति बना ली है।

कैसे किया कमाल?

गौरतलब है कि मशीन और तकनीक का पूर्ण इस्तेमाल करते हुए शुनसाकु सगामी ने AI और Database का उपयोग कर छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों से रिटायर होने वाले लोगों को ब्रोकर सौदे के तहत अपने रिसर्च फर्म के लिए काम पर लगाया है।

7 गुना बढ़ी कंपनी की वैल्यू

बता दे कि ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, शुनसाकु सगामी की एमएंडए रिसर्च इंस्टीट्यूट होल्डिंग्स पिछले जून में टोक्यो में लिस्ट होने के बाद से सात गुना बढ़ गई है, जिससे सागामी की संपत्ति लगभग 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1.27 अरब डॉलर) हो गई है।

कैसे बढ़ा बिजनेस?

दरअसल, जापान में दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्ग है इसलिए वहां के उद्योगपतियों को अपना उत्तराधिकारी नहीं मिलता है, जिसकी वजह से बहुत से बिजनेस मजबूरन बंद करने पड़ते हैं। यह समस्या शुनसाकु सगामी के साथ भी हुई, जब उनके पिता को रियल स्टेट का बिजनेस उत्तराधिकारी न मिलने की वजह से बंद करना पड़ा।

खबर है एमएंडए रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक जापान में 620,000 लाभदायक उद्यमों को उत्तराधिकारियों की कमी के कारण बंद होने का खतरा है और सरकार का अनुमान है कि 2025 तक 2.5 लाख छोटी और मध्यम आकार की फर्में होंगी, जिनके मालिक 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।उनमें से लगभग आधे के पास भविष्य की कोई योजना नहीं है, जिसके कारण कंपनियां बंद हो सकती है और 6.5 मिलियन नौकरियां खत्म हो सकती हैं, जिसकी लागत सकल घरेलू उत्पाद में 22 ट्रिलियन येन (222 अरब डॉलर) है।

पांच साल पहले स्थापित हुई थी M & A Research Institute

5 सालों में एमएंडए रिसर्च इंस्टीट्यूट 160 से अधिक कर्मचारियों वाला हो गया है, जिसमें 115 सलाहकार शामिल हैं और कार्यों में लगभग 500 सौदे हैं। इसने मार्च तक इसने 62 लेनदेन को अंतिम रूप दे दिया है। सितंबर 2020 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में बिक्री सिर्फ 376 मिलियन येन थी।

कंपनी कैसे कमाती है पैसा?

आपको बताते चले कि कंपनी पैसा तब कमाती है कि जब ट्रांजैक्शन बंद हो जाता है। कंपनी 500 मिलियन येन या उससे कम के सौदों के लिए 5 प्रतिशत तक चार्ज करती है। आकड़ों की मानें तो नवीनतम तिमाही में उनका औसत प्रति बिक्री 60 मिलियन येन रहा है।