कोरोना के बाद नई महामारी का मंडराया खतरा ! चीन में तहलका मचा रहा रहस्यमयी बीमारी, बच्चे हो रहे शिकार
दुनिया अभी-अभी चीन से फैले कोरोना महामारी से पूरी तरीके से उबर भी नहीं पाई है कि एक बड़ी महामारी के इसी देश से फैलने का खतरा मंडराने लगा है। इस बार यह बीमारी व्यस्कों ना होकर बल्कि बच्चों को अपनी चपेट में जकड़ रहा है। कोरोना महामारी की दंश झेलते चीन में रहस्यमयी निमोनिया जापान के बुलेट ट्रेन की रफ्तार के फैल रहा है। जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं
CHINA: दुनिया अभी-अभी चीन से फैले कोरोना महामारी से पूरी तरीके से उबर भी नहीं पाई है कि एक बड़ी महामारी के इसी देश से फैलने का खतरा मंडराने लगा है। इस बार यह बीमारी व्यस्कों ना होकर बल्कि बच्चों को अपनी चपेट में जकड़ रहा है। कोरोना महामारी की दंश झेलते चीन में रहस्यमयी निमोनिया जापान के बुलेट ट्रेन की रफ्तार के फैल रहा है। जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। तेजी से फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया ने स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्योंकि कोरोना महामारी के शुरुआती चरण में भी इतनी ही बड़ी तादाद में मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बड़ी संख्या में चीन के स्कूल बंद होने वाले हैं।
इस रहस्यमयी निमोनिया के लक्षणों के बारे में अगर आपको बताएं तो इस बीमारी से प्रभावित बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार सहित असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन खांसी और फ्लू, आरएसवी और अन्य सांस संबंधी बीमारियों से जुड़े अन्य लक्षणों की कमी है।
वहीं आपको बता दें कि ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म ProMed दुनियाभर में इंसानों और जानवरों की बीमारी से होने वाले प्रकोप पर नजर रखती है, ने चीन में फैल रहे इस रहस्यमयी निमोनिया को लेकर चेतावनी जारी की। इससे पहले दिसंबर 2019 में इसी ने एक बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद SARS-CoV-2 के रूप में कोरोना महामारी ने दस्तक दी। ProMed ने अपनी चेतावनी में कहा कि अज्ञात श्वसन बीमारी फैलने का खतरा है। हालांकि इसने इसे महामारी कहने से परहेज किया। इसका कहना है कि अभी इसे महामारी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन, यह चिंताजनक है।
अपने नोट में, ProMed ने कहा, "यह रिपोर्ट एक अज्ञात श्वसन बीमारी के व्यापक प्रकोप का सुझाव देती है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह कब शुरू हुआ, क्योंकि इतने सारे बच्चों का इतनी जल्दी प्रभावित होना असामान्य है। रिपोर्ट में यह भी नहीं कहा गया है कि कोई भी वयस्क इससे प्रभावित हुआ है।ो