18 साल बाद फिर मिला दरभंगा के मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा जानिए, किशानो को क्या होंगे फायदे !

Darbhanga News: वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा डॉ. मनोज कुमार ने बताया किराष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा मिलना मिथिलांचल के लिए गर्व की बात है. यह स्टेटस मिल जाने के बाद यहां संसाधनों की उपलब्धता बढ़ जाएगी.

18 साल बाद फिर मिला दरभंगा के मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा जानिए, किशानो को क्या होंगे फायदे !

NBC24 DESK:- DARBHANGA:- मखाना किसानों के साथ जिले-वासियों के लिए खुशखबरी है ! लगभग 18 साल बाद मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा मिला है ! आपको बता दे कि अब राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा राष्ट्रीय स्तर पर मखाने का अनुसंधान और विकास कार्य करेगा, जिससे मखाना उत्पादक किसानों के साथ मखाना व्यवसायियों को लाभ मिलेगा ! दरअसल  राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा मिलने के बाद बिहार के मखाना उत्पादक किसानों के लिए एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी है. खासकर मिथिलांचल क्षेत्र के मखाना किसानों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.

2005 में छीना था राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र का दर्जा !

आपको बता दे कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने मिथिलांचल और सीमांचल के मखाना उत्पादकों के अनुरोध पर विचार करते हुए मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा की समाप्त की गई गरिमा को पुनः बहाल कर दिया है. हालांकि यह संस्थान फिर से राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के नाम से जाना जाएगा. खबर है कि वर्ष 2002 में इस मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा मिला था, जिसको 2005 में हटा दिया गया था.

जानें क्या मिलेंगे लाभ !

गौरतलब है वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 18 वर्षों का इंतजार खत्म हुआ. फिर से राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा मिलने से मिथिलांचल के लिए गर्व की बात है. यह स्टेटस मिल जाने के बाद यहां संसाधनों की उपलब्धता बढ़ जाएगी, भौतिक संसाधन बेहतर होंगे. शोध के लिए जो जरूरी उपकरण हैं और जो आधारभूत संरचनाएं हैं उसकी जरूरत होती है तो वह बेहतर हो जाएगी. साथ दे हमारे पास फंड बेहतर होंगे, जो किसान मखाने की खेती से या इसके प्रसंस्करण से जुड़े हुए हैं उन सभी को हम बेहतर सेवा दे पाएंगे. अब किसानों को फायदा यह होगा, जो उनके लिए जरूरी योजनाएं हैं, उनके प्रशिक्षण के लिए उनको तकनीकी सहायता पहुंचाने के लिए हमारे पास बेहतर संसाधन होंगे. हमारे पास अच्छे लोग होंगे.