पटना साहिब की जनता अब भी जाम की घुटन में, सुविधाएं सिर्फ कुछ इलाकों तक सीमित

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल (गुरुवार) की शाम दीघा से दीदारगंज तक के लिए नए पुल का लोकार्पण किया, जिससे राजधानी के एक बड़े हिस्से को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पटना साहिब की जनता इस राहत से अछूती रह जाएगी?

पटना साहिब की जनता अब भी जाम की घुटन में, सुविधाएं सिर्फ कुछ इलाकों तक सीमित

PATNACITY : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल (गुरुवार) की शाम दीघा से दीदारगंज तक के लिए नए पुल का लोकार्पण किया, जिससे राजधानी के एक बड़े हिस्से को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पटना साहिब की जनता इस राहत से अछूती रह जाएगी?

आपको बता दें कि पटना साहिब धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण इलाका है, जहां पटनदेवी शक्तिपीठ, तख्त श्री हरिमंदिर साहिब और कई मस्जिदें हैं। यहां के लोगों को आज भी जाम की भयावह समस्या से जूझना पड़ रहा है। खासकर उन लोगों के लिए जो आवागमन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों पर निर्भर हैं। 

वहीं, पटना साहिब की प्रमुख मंडियां मारूफगंज, मच्छरहट्टा, पश्चिम दरबाजा, नई सड़क और भगत सिंह चौक व्यापार का केंद्र होने के बावजूद यातायात अव्यवस्था की मार झेल रहा है। इन इलाकों में रोज़ाना घंटों जाम लगा रहता है, जिससे न सिर्फ आम जनता, बल्कि व्यापारी और बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी परेशान रहते हैं।

एक ओर राज्य सरकार सुरक्षा और सुविधा के तमाम दावे करती है, वहीं दूसरी ओर पटना साहिब की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जाम के हालात इतने बदतर हैं कि कोई भी आपात स्थिति में फंसा व्यक्ति समय से इलाज न मिलने के कारण दम भी तोड़ सकता है।

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों सात बार से विधायक नंदकिशोर यादव पटना साहिब की इस मूल समस्या का समाधान नहीं कर पाए? अशोक राजपथ और सुदर्शन पथ जैसी महत्वपूर्ण सड़कों की हालत आज भी बद से बदतर बनी हुई है।

जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोकामा और बेगूसराय के लोगों को भी जाम से राहत दिला सकते हैं तो क्या पटना साहिब सिर्फ एक वोट बैंक बनकर रह गया है?

पटना साहिब की जनता अब सवाल कर रही है कि क्या हमारा भी कोई हक नहीं बनता कि हमें भी जाम से मुक्ति मिले? या फिर हर बार सिर्फ वादों और नारों के भरोसे छोड़ दिया जाएगा? अब वक्त है कि जिम्मेदार प्रतिनिधि और सरकार इस गंभीर समस्या की ओर गंभीरता से ध्यान दें, वरना जनता का धैर्य जवाब देने में देर नहीं लगाएगा।