बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने सीएम से की मुलाकात, कहां फंस रहा है पेंच..? जानिए

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से राजभवन में और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास में जाकर मुलाकात की है। दोनों की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के जल्द होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने सीएम से की मुलाकात, कहां फंस रहा है पेंच..? जानिए

PATNA: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से एनडीए की सरकार का गठन तो बीते 28 जनवरी को ही हो चुका है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। नीतीश कुमार के साथ बीते 28 जनवरी को शपथ ग्रहण कर डिप्टी सीएम बने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के पास अभी तक कोई भी विभाग नहीं है। वहीं सूत्रों का कहना है कि चौधरी और सिन्हा ने कैबिनेट सचिवालय द्वारा आवंटित आधिकारिक कारों को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें वे कारें दी गई थीं, जिनका इस्तेमाल महागठबंधन सरकार के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था। मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के पिछले 18 वर्षों के कार्यकाल में ऐसे हालात कभी पैदा नहीं हुए थे। इन्हीं सब राजनीतिक हलचलों के बीच आज गुरुवार(1 फरवरी) को विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश से मुलाकात की है। जिसे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी की तरफ से पहल बताई जा रही है।डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से राजभवन में और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास में जाकर मुलाकात की है। दोनों की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के जल्द होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही थी। जिसके कारण अभी तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। अब एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचलें एक बार तेज है। प्रदेश में बने दो डिप्टी सीएम ने आज नीतीश कुमार और गोवर्नर से मुलाकात की है।

हालांकि दोनों ने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी. बिहार विधान मंडल का सत्र 10 फरवरी से शुरू होने वाला है. 12 फरवरी को बजट भी पेश किया जाएगा। 10 फरवरी को ही सरकार विश्वास मत प्राप्त करेगी और विधानसभा अध्यक्ष को लेकर भी 10 फरवरी को ही फैसला हो जाएगा। ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने की संभावना है. उसी को लेकर दोनों उपमुख्यमंत्री की गतिविधियां तेज हो रही है। ऐसे पहली बार हो रहा है कि शपथ ग्रहण के बाद भी विभाग का बंटवारा नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार बीजेपी को वे विभाग देना चाहते हैं, जो पहले आरजेडी और कांग्रेस के पास थे, लेकिन बीजेपी गृह और सामान्य प्रशासन चाहती है. यही वजह है कि दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.