केरल यात्रा के दौरान सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सहकारी समितियों का किया भ्रमण

प्रतिनिधि दल ने रविवार को मुन्नार स्थित टी एंड यू लीज़र होटल का दौरा किया जो एक सहकारी पर्यटक होटल है। इस होटल को मुन्नार सर्विस सहकारी बैंक के द्वारा 29.50 करोड़ की लागत से बनवाया गया है। एक एकड़ भूमि में निर्मित इस होटल में 35000 वर्ग फीट के क्षेत्र में 34 प्रीमियर कमरे, 2 आधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल तथा 100 सिटींग क्षमता वाले रेस्टोरेंट, कॉफी शॉप तथा मसाला शॉप बने हुए हैं। इसमें 72 स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है।

केरल यात्रा के दौरान सहकारिता मंत्री  डॉ. प्रेम कुमार ने सहकारी समितियों का किया भ्रमण

PATNA : प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार 19 अप्रैल से 22 अप्रैल तक केरल राज्य के भ्रमण पर हैं। वहां वे अपने प्रतिनिधि दल के साथ राज्य के विभिन्न सहकारी समितियों के भ्रमण कर वहां के सहकारी मॉडल का अध्ययन करेंगे।  इस अध्ययन कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेन्द्र सिंह, अपर सचिव अभय कुमार सिंह, बिहार राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार सिंह एवं सलाहकार अनादी शंकर भी शामिल हैं।

प्रतिनिधि दल ने रविवार को मुन्नार स्थित टी एंड यू लीज़र होटल का दौरा किया जो एक सहकारी पर्यटक होटल है। इस होटल को मुन्नार सर्विस सहकारी बैंक के द्वारा 29.50 करोड़ की लागत से बनवाया गया है। एक एकड़ भूमि में निर्मित इस होटल में 35000 वर्ग फीट के क्षेत्र में 34 प्रीमियर कमरे, 2 आधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल तथा 100 सिटींग क्षमता वाले रेस्टोरेंट, कॉफी शॉप तथा मसाला शॉप बने हुए हैं। इसमें 72 स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही प्रतिनिधि दल ने मुन्नार सर्विस कोऑपरेटिव बैंक का भी भ्रमण कर वहां की कार्यप्रणाली को देखा। 1988 में स्थापित इस बैंक के द्वारा 63.51 करोड़ रुपये का ऋण आवंटन किया गया है तथा इसकी कुल जमा राशि 72.70 करोड़ रुपए है।

सहकारिता मंत्री ने सेवा क्षेत्र में इस प्रकार की योजनाओं को बिहार में भी प्रारंभ करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि बिहार के गया और राजगीर जैसे पर्यटक स्थलों में ऐसे प्रोजेक्ट तैयार करने से इनके सफलीभूत होने की पूरी आशा है। इन दोनों स्थलों पर भारी संख्या में देशी एवम विदेशी पर्यटक आते हैं जिन्हें किफायती दर पर उत्तम व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सकेगी। बिहार राज्य के सहकारिता मॉडल में इस प्रकार के नवाचार की आवश्यकता है। इससे स्थानीय स्तर पर अच्छी संख्या में रोजगार की संभावना विकसित होगी। साथ ही, राज्य में सहकारी समितियों को बहुआयामी बनाया जा सकेगा जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक होंगी।