पटना पुलिस ने 5 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार
पटना पुलिस ने 5 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. हमें मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल को लगातार सुचना मिल रही थी कि एक साइबर गिरोह द्वारा लोगों से ANYDESK / RUSKDESK (Remote Access App) डाउनलोड करवाकर लोगों से कोड / ओ टी पी लेकर पीड़ित के मोबाइल सेट को एक्सेस कर विभिन्न बैंकों का UPI install कर पीड़ित के खाते से पैसे की अवैध निकासी कर लेते थे.
NBC24 DESK- आए दिन आर्थिक अपराध की खबरे सामने आ रही है. अभी अभी एक खबर पटना से सामने आ रही है जहाँ पटना पुलिस ने 5 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, हमें मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल को लगातार सुचना मिल रही थी कि एक साइबर गिरोह द्वारा लोगों से ANYDESK / RUSKDESK (Remote Access App) डाउनलोड करवाकर लोगों से कोड / ओ टी पी लेकर पीड़ित के मोबाइल सेट को एक्सेस कर विभिन्न बैंकों का UPI install कर पीड़ित के खाते से पैसे की अवैध निकासी कर लेते थे.
हमें मिली जानकारी के अनुसार पहले ये पैसे की अवैध निकासी कर विभिन्न बैंक खातों में पैसा हस्तांतरित कर लेते थे तथा एटीएम के माध्यम से नगद पैसे की निकासी एवं इ-कॉमर्स कंपनियों से सोने / चांदी / हीरों के जेवरात तथा इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदारी करते थे.
पटना पुलिस को इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस उपाधीक्षक ने दो विशेष टीम गठित कर पटना में छापेमारी कराई.
पुलिस द्वारा बरामद की गयी चीज़ें
हम आपको बता दे कि छापेमारी में पुलिस ने 14 लाख 10 हजार नगद राशि, 296.600gm सोना जो की करीब 17 लाख 56 हजार रूपए तक का हैं बरामद किये साथ ही 36.500gm चांदी , 70 मोबाइल उपकरण , विभिन्न बैंकों का एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक एवं चेकबुक , आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी , कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी , नोट गिनने की मशीन, स्कूटी, टी वी एस , वाहन का स्मार्ट कार्ड बरामद हुए हैं.
इस गिरोह के द्वारा लवकुश टावर एक्जीबिशन रोड पटना एवं मनोज कुमार - रामचंद्र प्रसाद, सा० झंगरी हार्ट के पीछे, दादर मंडी गुलजारबाग, थाना आलमगंज, जिला पटना स्थित मीणा मेंशन भवन में साइबर ठगी से प्राप्ति पैसों से इ-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से सोने, चांदी , हीरे के जेवरातों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदारी की जाती थी।
गिरफ्तार अपराधियों एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह बात सामने आयी है की यह गिरोह बिहार एवं झारखण्ड दोनों राज्यों में सक्रिय था, और झारखण्ड के जामतारा एवं देवघर के साइबर अपराधियों के साथ मिलकर संचालित किया जा रहा था. छापेमारी अभी भी चल रही है कई बैंक अकाउंट मिले हैं जिन्हें फ्रिज किए जाने की कार्रवाई की जा रही है.अनुसन्धान के क्रम में साक्ष्यों के आधार पर गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी संभव है तथा एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की सम्भावना है.