राज्य कैबिनेट की बैठक में 125 यूनिट फ्री बिजली का प्रस्ताव पारित, वित्तीय भार समायोजित करने को सरकार करेगी ये काम
राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को जुलाई 2025 की खपत के आधार पर 1 अगस्त 2025 से 125 यूनिट प्रति माह खपत तक शत-प्रतिशत अनुदान देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के विस्तारीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अतिरिक्त 3797 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 1.1 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना होगा।

PATNA : राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को जुलाई 2025 की खपत के आधार पर 1 अगस्त 2025 से 125 यूनिट प्रति माह खपत तक शत-प्रतिशत अनुदान देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के विस्तारीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अतिरिक्त 3797 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 1.1 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना होगा। इसमें कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को पूर्ण वित्तीय सहायता एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की भी स्वीकृति दी गयी है।
साथ ही, यह वितरण कम्पनियों की नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता को पूरा करने में मददगार साबित होगा और इससे काफी बड़ी मात्रा में बिजली की जरूरत को नवीकरणीय स्रोतों से पूरा किया जा सकेगा। राज्य में वर्तमान में कुल घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ छियासी लाख साठ हजार है, जिनमें 125 यूनिट तक बिजली की मासिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या एक करोड़ सड़सठ लाख चौरानवें हजार है, जो कुल घरेलू उपभोक्ताओं का 90 प्रतिशत है। राज्य के सभी घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 125 यूनिट प्रति माह तक यदि शतप्रतिशत अनुदान पर बिजली दी जाती है एवं उनके घर के छतों पर अथवा सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाता है तो राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को, विशेष कर कम बिजली खपत करने वाले सभी उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ होगा, जिससे न केवल इन घरेलू उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी, बल्कि सौर ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वर्तमान स्थिति के अनुसार माह जुलाई 2025 के खपत के आधार पर 01 अगस्त 2025 से मार्च 2026 तक विद्युत अनुदान मद में राज्य सरकार को इस वित्तीय वर्ष 19792 करोड़ रूपये के वित्तीय भार का वहन करना पड़ेगा एवं अगले वित्तीय वर्षों में यह राशि बढ़ती जायेगी। राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं के द्वारा अपनी छतों अथवा सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र अधिष्ठापन के उपरांत इसमें भविष्य में क्रमशः कमी आएगी। 1.1 किलोवॉट सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रति माह लगभग 125 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है जिससे राज्य सरकार द्वारा विद्युत अनुदान के मद में वहन किये जाने वाले वित्तीय भार को समायोजित किया जा सकेगा। साथ ही हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट प्रति माह शतप्रतिशत अनुदान पर बिजली योजना के लाभ के लिए उन्हें अपने घर की छत पर अथवा सार्वजनिक स्थल पर अगले तीन वर्षों के अन्दर कम.से.कम 1.1 किलोवॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र के लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कार्य के लिए उपभोक्ताओं से सहमति भी प्राप्त की जायेगी।
सौर ऊर्जा संयंत्र अधिष्ठापन के लिए कुटीर ज्योति के उपभोक्ताओं को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़े एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को कम वित्तीय भार पड़े, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा समुचित यवस्था की जायेगी। इस संबंध में ऊर्जा विभाग के द्वारा अलग से निर्देश जारी किया जाएगा। ऐसे उपभोक्ता जिनकी मासिक खपत 125 यूनिट है, उन्हें कोई बजली बिल नहीं देना होगा एवं वैसे उपभोक्ता जिनका मासिक खपत 125 यूनिट से ज्यादा है उन्हें भी 125 यूनिट तक शतप्रतिशत अनुदान पर बिजली मिलेगी। 125 यूनिट से अतिरिक्त मासिक खपत पर उपभोक्ताओं को पूर्ववत अनुदान देते हुए शेष राशि का ही विद्युत बिल जमा करना होगा।
15 जुलाई 2025 को राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बिहार पंप स्टोरेज संवर्धन नीति-2025 को मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की है। यह नीति राज्य में स्वच्छ और सतत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने, ऊर्जा भंडारण की दीर्घकालिक व्यवस्था विकसित करने तथा ग्रिड स्थिरता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। पंप स्टोरेज तकनीक, विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों की अनियमितता को संतुलित करने में उपयोगी सिद्ध होती है और बिहार जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए यह अत्यंत उपयुक्त समाधान है। नई नीति के तहत राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पंप स्टोरेज परियोजनाओं के लिए भूमि की शीघ्र पहचान और आवंटन किया जाए। इसके लिए बियाडा और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया कि वे गैरवनीय भूमि की पहचान कर शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
साथ ही, निवेशकों की सुविधा के लिए ऊर्जा विभाग एक विशेष एकल खिड़की प्रणाली विकसित कर रहा है ताकि परियोजनाओं की मंजूरी की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध हो सके। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इन परियोजनाओं को स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी, जिससे निवेशकों का प्रारंभिक वित्तीय बोझ कम हो सकेगा। राज्य सरकार इस नीति के अंतर्गत सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल को अपनाने जा रही है और निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा कि वे राज्य में पंप स्टोरेज परियोजनाओं की स्थापना करें। उन्हें आधारभूत सुविधाएं जैसे बिजली कनेक्शन, जल स्रोत, सड़क संपर्क आदि शीघ्रता से उपलब्ध कराए जाएंगे। इन परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान करने पर भी जोर दिया गया है, जिससे राज्य के ग्रामीण एवं अर्ध.शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।