जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में फिर आज होगी सुनवाई, देना होगा इन सवालों का जवाब
बहुत मुश्किलों के बाद नीतीश कुमार ने जातीय जांगना करा ली लेकिन तो वही जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट भले ही आ गई हो लेकिन नीतीश सरकार के लिए आज का दिन इसी कारण नए किस्म के टेंशन वाला है.
Nbc24 Desk - बहुत मुश्किलों के बाद नीतीश कुमार ने जातीय जांगना करा ली लेकिन तो वही जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट भले ही आ गई हो लेकिन नीतीश सरकार के लिए आज का दिन इसी कारण नए किस्म के टेंशन वाला है. जातीय गणना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. बिहार सरकार ने जब 2 अक्टूबर को जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट जारी की तो इसके अगले दिन याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में सुनवाई की अपील की थी. वहीं इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सर्वे के आंकड़ों को जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई थी. अदालत का कहना था कि विस्तृत सुनवाई के बाद ही रोक का आदेश जारी किया जाएगा. इस बीच सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद भी कोर्ट ने 3 अक्टूबर को त्वरित सुनवाई से मना कर दिया था. ऐसे में अब आज की सुनवाई बेहद अहम होगी. सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर नीतीश सरकार से सवाल भी पूछ सकती है.बिहार में जातीय गणना सर्वे के अनुसार अति पिछड़े वर्ग की संख्या 36.01 फीसदी है. वहीं पिछड़े वर्ग की आबादी 27.13 फीसदी, अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी, अनुसूचति जनजाति 1.68 फीसदी और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है. इसमें हिंदुओं की आबादी 81.99 फीसदी जबकि मुस्लिम 17.70 फीसदी है.ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले में आज कई अहम सवाल नीतीश सरकार से पूछ सकती है. बिहार में जातीय गणना के खिलाफ गैर-सरकारी संगठनों 'यूथ फॉर इक्वेलिटी' और 'एक सोच एक प्रयास' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.