बिहार में हो गया कैबिनेट विस्तार, JDU और BJP ने रखा हैं जातीय समीकरण का खास ख्याल ...

नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने वाले नए मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण को ज्यादा महत्व दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत गठबंधन से 9 मंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं और आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में विभिन्न दलों के कुल 21 नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे.

बिहार में हो गया कैबिनेट विस्तार, JDU और BJP ने रखा हैं जातीय समीकरण का खास ख्याल ...

PATNA : बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद से कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर सवाल उठ रहा था, आखिरकार शुक्रवार को शाम साढ़े 6 बजे नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा. थोड़ी ही देर बाद राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. कैबिनेट विस्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय समीकरण पर खास ध्यान रखा हैं. 

बता दें, नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने वाले नए मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण को ज्यादा महत्व दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत गठबंधन से 9 मंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं और आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में विभिन्न दलों के कुल 21 नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे. वही, शपथ लेने वाले 21 मंत्रियों में 6 सवर्ण, 6 दलित (SC), 4 अति पिछड़ा (EBC), 4 पिछड़ा (BC) और एक मुस्लिम चेहरा शामिल है.

इसके अलावा भाजपा कोटे से मंत्री पद की शपथ लेने वाली रेणु देवी (नोनिया) अति पिछड़ा, मंगल पांडेय (ब्राम्हण) सवर्ण, नीतीश मिश्रा (ब्राम्हण) सवर्ण, नीरज कुमार बबलू (राजपूत) सवर्ण, नितीन नवीन (कायस्थ) सवर्ण, दिलीप जायसवाल (वैश्य) पिछड़ा, संतोष सिंह (राजपूत) सवर्ण, जनक राम (चमार) दलित, केदार प्रसाद गुप्ता (वैश्य) पिछड़ा, हरी सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और कृष्णनंदन पासवान (पासवान) दलित समाज के हैं.

मालूम हो, जदयू कोटे से जो मंत्री शपथ लेने वाले हैं उनमें अशोक चौधरी (पासी) दलित, लेसी सिंह (राजपूत) सवर्ण, महेश्वर हजारी (पासवान) दलित, जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा, सुनील कुमार (चमार) दलित, जमा खान (पठान) सवर्ण मुस्लिम, शीला मंडल (धानुक) अति पिछड़ा, रत्नेश सदा (मुसहर) दलित, मदन सहनी (मल्लाह) अति पिछड़ा और सुरेन्द्र मेहता (कुशवाहा) पिछड़ा समाज से आते हैं. वही, अब कहा ये जा रहा हैं की कैबिनेट विस्तार में भाजपा और जदयू दोनों ने ही जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा है और हर जाति को सरकार में हिस्सेदारी देने की कोशिश की गई है.