शिक्षकों के बाद अधिकारियों पर चला केके पाठक का डंडा, सभी DEO-DPO का वेतन रोका, इतने घंटे में मांगा जवाब, मामला..?
केके पाठक ने बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों की समय पर वेतन भुगतान नहीं किए जाने पर प्रदेश के सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ के अप्रैल महीने के वेतन पर रोक लगा दिया है।
PATNA: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का हंटर शिक्षकों के बाद अधिकारियों पर चलना शुरु हो गया है। शिक्षा विभाग के एसीएस ने सरकारी शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान नहीं किए जाने पर विभाग के अधिकारियों से खासे नाराज हैं। केके पाठक ने बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों की समय पर वेतन भुगतान नहीं किए जाने पर प्रदेश के सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ के अप्रैल महीने के वेतन पर रोक लगा दिया है।
शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने इस बारे में सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को पत्र भेजा है। इसमें विस्तार से उक्त बातों की चर्चा है। पत्र में कहा गया है कि पत्र मिलने के 24 घंटे के भीतर इसके बारे में स्पष्टीकरण दें और बताएं कि क्यों नहीं आप सबके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाए?
अपर मुख्य सचिव ने कई बार कहा है कि पहले चरण की शिक्षक बहाली और दूसरे चरण की शिक्षक बहाली से बने शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान किया जाए। लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के स्तर से शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दिया गया है। ऐसे में यह अधिकारी 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण दें। स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक आप सभी का अप्रैल 2024 का वेतन स्थगित रहेगा।
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बीपीएससी से दो चरणों में नियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान के कार्य प्रगति की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने पाया कि वेतन भुगतान का मसला, डीईओ व डीपीओ (स्थापना) के स्तर पर लंबित है। जबकि केके पाठक ने जल्द शिक्षकों को उनका वेतन देने की बात कही थी। नियोजित शिक्षकों को भी मार्च का वेतन नहीं मिला है।