स्वास्थ्य विभाग में 20,016 नये पदों का सृजन, तीन निदेशालयों का भी होगा गठन

राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन को मंजूरी देते हुए कुल 20,016 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। यह फैसला स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इससे राज्य में नई नियुक्तियों के अवसर बढ़ेंगे और संविदा कर्मियों को स्थायी व पदोन्नति का लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य विभाग में 20,016 नये पदों का सृजन, तीन निदेशालयों का भी होगा गठन

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन को मंजूरी देते हुए कुल 20,016 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। यह फैसला स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इससे राज्य में नई नियुक्तियों के अवसर बढ़ेंगे और संविदा कर्मियों को स्थायी व पदोन्नति का लाभ मिलेगा।

इस फैसले के तहत लोक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा के लिए तीन अलग निदेशालय - लोक स्वास्थ्य निदेशालय, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय - का गठन किया जाएगा। तीनों निदेशालयों के प्रमुख महानिदेशक होंगे और समन्वय के लिए एक महानिदेशक-सह-विशेष सचिव का पद भी सृजित किया गया है।

अब मरीजों की चिकित्सा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन हेतु अलग-अलग व्यवस्थाएं होंगी। नवसृजित पदों में चिकित्सा पदाधिकारी, लोक स्वास्थ्य अधिकारी, हॉस्पिटल मैनेजर एवं कम्युनिटी प्रोसेस को-ऑर्डिनेटर शामिल हैं। इसके साथ ही सभी पदों पर नियुक्ति के लिए नियमावली निर्माण हेतु विशेष कोषांग गठित करने का निर्देश दिया गया है। इन पदों पर कुल अनुमानित वार्षिक व्यय 2,192 करोड़ रुपये होगा।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश की जनता के लिए आज का दिन काफी अहम है। उन्होंने कहा कि अबतक चिकित्सक ही अस्पतालों में मरीजों का इलाज करते थे और साथ ही मैनेजमेंट भी संभालते थे लेकिन अब लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन के बाद बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। उन्होंने राशि स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सम्राट चौधरी का भी आभार व्यक्त किया।   

वहीं, इस मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर का मतलब ये है कि आज हमारे जो डॉक्टर फील्ड में हैं, मेडिकल ऑफिसर जो किसी पीएचसी या सीएचसी में इंचार्ज हैं, उनको ओपीडी, सर्जरी जैसे कई अतिरिक्त काम के साथ पोलियो, फैलेरिया और मलेरिया जैसे कार्यक्रमों की निगरानी करनी पड़ती है लेकिन आज जो ये अहम फैसला हुआ है, इससे स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने में सहूलियत होगी।

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि लोक स्वास्थ्य संवर्ग एक नया कैडर बन जाएगा और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग अस्पताल मैनेजमेंट के कामों को देखेगा, उसका कैडर अलग होगा। इन दोनों कैडर के जो चीफ होंगे, वे डायरेक्टर-इन-चीफ होंगे। नई व्यवस्था से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और परिवर्तन दिखेगा। 

उन्होंने बताया कि नियुक्ति के लिए कम-से-कम वक्त में नियमावली तैयार की जाएगी। इसके लिए एक विशेष कोषांग बनाने का निर्देश दिया गया है। इससे एक तरफ स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों और पदाधिकारियों की वृद्धि होगी, वहीं, दूसरी तरफ इन दोनों कैडर के अलग हो जाने से क्वालिटी ऑफ सर्विस बेहतर हो जाएगी लिहाजा भविष्य में मरीजों के ट्रीटमेंट और स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिलेगा।