विश्वविद्यालयों को लेकर राज्यपाल RV अर्लेकर ने की बड़ी घोषणा, अब एप के जरिये युनिवर्सिटी की ऑनलाइन निगरानी करेगा राजभवन....

अब एप के जरिये विश्वविद्यालयों की निगरानी करेगा राजभवन. इसे लेकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि बिहार में विश्वविद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. साथ ही राजभवन से एप के जरिए सभी विश्वविद्यालयों के कामकाज पर नजर रखी जाएगी.

विश्वविद्यालयों को लेकर राज्यपाल RV अर्लेकर ने की बड़ी घोषणा, अब एप के जरिये युनिवर्सिटी की ऑनलाइन निगरानी करेगा राजभवन....

 PATNA : अब एप के जरिये विश्वविद्यालयों की निगरानी करेगा राजभवन. इसे लेकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है की बिहार में विश्वविद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. साथ ही राजभवन से एप के जरिए सभी विश्वविद्यालयों के कामकाज पर नजर रखी जाएगी. पूर्णिया विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि कामकाज में पारदर्शिता होनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा की राजभवन की तरफ से हमारा प्रयास है कि आज के टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखकर एक एप का निर्माण किया जाये जिससे राजभवन सीधा अपने विश्वविद्यालय के संपर्क में रहेगा. और इससे राजभवन पटना से ही सभी विश्वविद्यालयों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी. इतना ही नहीं इससे पता चलेगा की कुलपति का कार्यालय अभी क्या कर रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा की, एप के माध्यम से हमे यह पता चलेगा कि किसी विश्वविद्यालय का कुलसचिव का कार्यालय रीयल टाइम में क्या कर रहा है. परीक्षा नियंत्रक क्या कर रहे हैं और राजभवन को पता चलेगा कि विवि में क्या चल रहा है. उन्होंने कहा बहुत प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप होते रहते है. ये गलत हो रहा है जो बिलकुल भी सही नहीं हैं. आपको भी पता चलेगा कि हमारे विश्वविद्यालयों में क्या हो रहा है. थोड़ा भी संशय नहीं हो उसे आसानी से दूर किया जा सकेगा. वही, इससे पहले पूर्णिया पहुंचने पर कुलपति प्रो. राजनाथ यादव ने मिथिला पाग पहनाकर उनका स्वागत किया.

मालूम हो, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ने कहा बिहार में एक लाख विद्यार्थियों पर केवल सात महाविद्यालय है, जबकि देश में औसतन एक लाख विद्यार्थियों पर 30 महाविद्यालय होना चाहिए. इस पर ध्यान देने की जरूरत, तभी राज्य में शिक्षा का स्तर ऊंचा हो पाएगा. उन्होंने कहा एडमिशन कॉलेज स्तर पर होना चाहिए. एक जिले के बच्चे को दूसरे जिला जाना पड़ रहा है. सभी विवि में इस तरह की गलत पद्धति को रोकना है. और आने वाले समय में अपने स्तर पर दाखिला हो तो समस्या नहीं आएगी. राजपाल ने कहा की एक भी पैसा अनुदान का इधर-उधर नहीं होना चाहिए.