एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए तोड़ा गया एनसी घोष इंस्टीट्यूट, रेल कर्मचारियों और कलाकारों में भारी निराशा
दानापुर-बिहटा एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए शुक्रवार को यूरोपियन एनसी घोष इंस्टीट्यूट तोड़ दिया गया। दानापुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित एनसी घोष इंस्टीट्यूट अंग्रेजी शासनकाल में वर्ष 1930 में बनाया गया था। एनसी घोष इंस्टीट्यूट महत्वपूर्ण एतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर था। हालांकि एनसी घोष इंस्टीट्यूट के बदले में वीएन शर्मा इंस्टीट्यूट के पीछे 4000 वर्गमीटर में एक आधुनिक बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। इसके 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आधुनिक बहुउद्देशीय हॉल को दो वर्षों में बनने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, एनसी घोष इंस्टीट्यूट के टूटने से रेल कर्मचारियों और स्थानीय कलाकारों में भारी निराशा है।दानापुर से बिहटा तक एलिवेटेड सड़क का निर्माण चल रहा है।

KHAGAUL : दानापुर-बिहटा एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए शुक्रवार को यूरोपियन एनसी घोष इंस्टीट्यूट तोड़ दिया गया। दानापुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित एनसी घोष इंस्टीट्यूट अंग्रेजी शासनकाल में वर्ष 1930 में बनाया गया था। एनसी घोष इंस्टीट्यूट महत्वपूर्ण एतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर था।
हालांकि एनसी घोष इंस्टीट्यूट के बदले में वीएन शर्मा इंस्टीट्यूट के पीछे 4000 वर्गमीटर में एक आधुनिक बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। इसके 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आधुनिक बहुउद्देशीय हॉल को दो वर्षों में बनने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, एनसी घोष इंस्टीट्यूट के टूटने से रेल कर्मचारियों और स्थानीय कलाकारों में भारी निराशा है।दानापुर से बिहटा तक एलिवेटेड सड़क का निर्माण चल रहा है।
एलिवेटेड रोड के राह में यूरोपियन एनसी घोष इंस्टीट्यूट पड़ रहा था। इसके लिए प्रशासन ने रेलवे से बातचीत कर हटाने का निर्णय लिया था। इसके लिए अधिकारियों ने रेलवे के साथ बैठक की थी, जिसमें यूरोपियन एनसी घोष इंस्टीट्यूट को हटाने का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में दानापुर डीआरएम जयंत चौधरी ने कहा कि जनहित में विकास कार्यों को ध्यान में रख कर इस के जगह एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसलिए किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है।
सभी की भावनाओं को ध्यान में रख कर ही एनसी घोष इंस्टीट्यूट के विकल्प में वीएन शर्मा इंस्टीट्यूट के पीछे करीब 4000 वर्गमीटर खाली जमीन है, जिस पर 12 करोड़ रुपये की लागत से एक बेहतर आधुनिक बहुउद्देशीय हॉल बनाया जाएगा। जो दो वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। इस के लिए टेंडर भी आमंत्रित किया जा चुका है। उहोंने कहा कि इस बहुउद्देशीय भवन के ग्राउंड फ्लोर में 50 गाड़ियों की क्षमता वाला पार्किंग बनाया जाएगा। प्रथम तल्ला पर 50 लोगों के बैठने की क्षमता वाला दो मीटिंग रूम, कई कमरे आदि बनाए जाएंगे।
वहीं, सबसे द्वितीय तल्ला पर 500 दर्शकों की बैठने की क्षमता वाला हॉल और स्टेज भी बनाने का निर्णय लिया गया। नाटक संस्था सूत्रधार के निर्देशक नवाब आलम ने बताया कि खगौल में नाटकों की लंबी परंपरा रही है। यहां की सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र एनसी घोष इंस्टीट्यूट हुआ करता था, जो अब यह रंगकर्मियों से छीन लिया गया। यहां रंगकर्मी नियमित इकट्ठा होते थे। रिहर्सल हुआ करता था, संगोष्ठी हुआ करती थी, नाट्य मंचन हुआ करता था। अभी 27 फरवरी 2025 को सूत्रधार ने अपनी नवीनतम नाट्य प्रस्तुति रविन्द्रनाथ ठाकुर की कहानी पर आधारित नाटक मीनू का भव्य प्रदर्शन किया था, वह अंतिम प्रस्तुति थी।
यूं कहा जाए कि एक धरोहर को बाजार निगल गया। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे एक मां को उसके संतान से दूर कर दिया गया हो। एनसी घोष में कई चर्चित नाटक विभिन्न संस्थान के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यहां के रंगकर्मी अंतर्राष्ट्रीय लेवल तक गए। सुबोध गुप्ता आज अंतर्राष्ट्रीय लेवल के चित्रकार हैं। उन्होंने यहीं नाटक किया और साथ में नाटक का पोस्टर बनाया करते थे।