बिहार के मशहूर काइरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत को दुबई में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से तो लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से किया गया सम्मानित
दुबई के पाम अटलांटिस होटल में आयोजित कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध संस्था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने डॉ. रजनीश कांत को सम्मानित किया। वहीं ब्रिटिश पार्लियामेंट, लंदन में आयोजित समारोह में डॉ. रजनीश कांत को काइरोप्रैक्टर के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया।
PATNA: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई ऐसी चिकित्सा प्रणाली भी हो जिसमें दवा की एक भी खुराक के बिना कोई बीमारी जड़ से ठीक हो जाए? जी हां, आरा भोजपुर के बेगमपुरा मोहल्ले के निवासी फिजियोथेरेपिस्ट, ऑस्टियोपैथ और काइरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत ने ऐसी चिकित्सा पद्धति से देश-विदेश में लोगों का इलाज कर चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। उनकी हाड वैद्य प्रणाली से अब तक देश-विदेश के हजारों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। वह इस चिकित्सा प्रणाली से बिहार में हर महीने की पहली तारीख को 100 मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं। आज के आधुनिक युग में जहां हर जगह पैसे की भूख है, वहीं समाज के गरीब तबके को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने के कारण डॉ. रजनीश कांत को हर जगह सम्मानित किया जा रहा है। वह सिर्फ महीने की पहली तारीख को ही नहीं बल्कि उनके क्लीनिक पर आने वाले गरीबों से भी उनकी हालत देखकर इलाज के लिए पैसे नहीं लेते हैं। बहुत कम समय में सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है.
दुबई और लंदन में किया गया सम्मानित
इन सभी उपलब्धियों के कारण दुबई के पाम अटलांटिस होटल में आयोजित कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध संस्था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने डॉ. रजनीश कांत को सम्मानित किया। वहीं ब्रिटिश पार्लियामेंट, लंदन में आयोजित समारोह में डॉ. रजनीश कांत को काइरोप्रैक्टर के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके साथ दुनिया की चिकित्सा क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर सम्मानित होने के बाद डॉ. रजनीश कांत ने कहा कि यह फिजियोथेरेपी, ऑस्टियोपैथी और काइरोप्रैक्टर उपचार का एक ऐसा रूप है जहां हम हर तरफ से इलाज करवाकर निराश हो चुके लोगों का इलाज करते हैं और उन्हें ठीक करके घर भेजते हैं। जिसमें न तो किसी दवा का प्रयोग किया जाता है और न ही किसी विशेष प्रकार की सर्जरी की जाती है। अब तक इस पद्धति से कमर दर्द, पैर दर्द, नस दर्द, गैस्ट्रिक, सिर दर्द, कमर दर्द, बदहजमी जैसी कई प्रकार की बड़ी बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर के बेगमपुरा मोहल्ले जैसी छोटी जगह से आने वाले डॉक्टर रजनीश कांत बहुत ही कम उम्र में सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं।