बिहार के इतने हजार सरकारी स्कूलों के बदले जाएंगे नाम, केके पाठक के विभाग ने कर ली तैयारी, अब किस नाम से जाने जाएंगे..?
अब प्रदेश के 70 हजार सरकारी विद्यालयों का नाम बदल दिया जाएगा। और ये नाम बदलकर महापुरुषों के नाम पर रखने की तैयारी है।
PATNA: बिहार का सरकारी स्कूल और सरकारी स्कूलों के शिक्षक पिछले कई महीनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। जिसके सबसे बड़े कारण शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक हैं। वो चाहे छुट्टियों के बीच में शिक्षकों की ट्रेनिंग कराना हो या केवल स्कूली बच्चों के लिए गर्मी छुट्टी का आदेश। बिहार का शिक्षा विभाग और उसके एसीएस केके पाठक किसी ना किसी कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं। वहीं अब बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है कि अब प्रदेश के 70 हजार सरकारी विद्यालयों का नाम बदल दिया जाएगा। और ये नाम बदलकर महापुरुषों के नाम पर रखने की तैयारी है।
राज्य में नाम बदले जाने वाले स्कूलों में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय और उत्क्रमित मध्य विद्यालय शामिल हैं। इन स्कूलों का नाम नवसृजित और उत्क्रमित के बदले राजकीय या देश एवं राज्य के देशभक्त महापुरुषों के नाम पर रखे जाएंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो जुलाई के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद स्कूलों के नाम की ई-शिक्षा कोष और यू-डायस पोर्टल पर एंट्री कर दी जाएगी। स्कूल उसी नए नाम के साथ जाना जाने लगेगा। शिक्षा विभाग भागलपुर समेत प्रदेश के सभी 38 जिलों से नवसृजित तथा उत्क्रमित विद्यालयों की जानकारी लेने में जुट गया है।
आपको बता दें कि शिक्षा को बढ़ावा देने और आम लोगों तक शिक्षा पहुंचाने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाकों में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खोले गए थे। इसके तहत बीते दो दशक में प्रदेश में बड़े पैमाने पर नवसृजित विद्यालयों खोले गए। हालांकि, जमीन और भवन के अभाव में इनमें से अधिकतर स्कूल नजदीकी विद्यालय में टैग कर दिए गए, जबकि हजारों विद्यालय कहीं पेड़ की छांव में तो कहीं किसी के घर या उनके दरवाजे पर संचालित किये जा रहे थे।
इसके अलावा पिछले पांच से सात के दौरान जिलों में खोले गए ऐसे नवसृजित तथा उत्क्रमित विद्यालयों का अब नाम बदला जाना है जिन्हें जमीन और भवन दोनों उपलब्ध हो चुके हैं। विद्यालयों के नाम बदले जाने का यह काम राज्य स्तर पर किया जाएगा।
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा के अनुसार जिले के 430 नवसृजित और 116 उत्क्रमित विद्यालयों के नाम बदले जाएंगे, जबकि बांका जिले में 75 नवसृजित विद्यालयों के नाम बदले जाएंगे। लखीसराय में 308 नवसृजित प्राथमिक और 194 उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सुपौल में 542 नवसृजित विद्यालय और 407 उत्क्रमित विद्यालय, मुंगेर में 21 नवसृजित विद्यालय तथा 69 उत्क्रमित विद्यालय, अररिया में 160 नवसृजित विद्यालय और 100 उत्क्रमित विद्यालय, जबकि मधेपुरा जिले के 219 विद्यालयों के नाम बदले जाएंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन विद्यालयों के नाम बदलने के पीछे की बड़ी वजह यह भी है कि ई-शिक्षा कोष और यू-डायस कोड पोर्टल में एंट्री करने के समय बड़े-बड़े नाम होने से परेशानी होना भी है।