UPSC Success Story:- औरंगाबाद के रहने वाले प्रेम उर्फ़ माधव भरद्वाज को डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद अब किया यूपीएससी क्रैक !
UPSC Success Story: बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले प्रेम कुमार उर्फ़ माधव भरद्वाज ने UPSC क्रैक कर लिया है। प्रेम को 677वां रैंक मिला है। होनहार प्रेम ने MBBS की डिग्री भी हासिल कर रखी है। वह 2020 से UPSC की तैयारी कर रहे थे, अब जाकर उन्हें यह सफलता मिली है। पूरे औरंगाबाद जिले में प्रेम की सफलता के चर्चे हैं।
NBC24 DESK:- औरंगाबाद: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में औरंगाबाद के प्रेम कुमार ने शानदार सफलता पाई है। प्रेम को UPSC 2022 की परीक्षा में 677वां रैंक मिला है। उनकी सफलता से पूरे जिले में हर्ष का माहौल है। बता दे हर तरफ प्रेम की चर्चा हो रही है। प्रेम ओबरा प्रखंड के तेजपुरा पंचायत के जमुहारा के रहने वाले हैं। उनका माध्यम अंग्रेजी और वैकल्पिक विषय एंथ्रोपोलॉजी रहा।साथ ही आपको यह भी बता दे बातचीत के दौरान प्रेम कुमार ने बताया कि उन्होंने भागलपुर से अपनी MBBS की पढ़ाई की है। वर्ष 2020 से दिल्ली में रहकर वह लगातार यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। तीसरे प्रयास में उन्हें कामयाबी हाथ लगी है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता रविंद्र कुमार चौधरी व माता रीता देवी को देते हैं।
हालांकि प्रेम ने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। खासकर दक्षिणी बिहार में युवाओं के पास असीम क्षमता है। अगर दृढ़ निश्चय और कठिन मेहनत से तैयारी की जाए सफलता जरूर मिलती है। साथ ही उन्होंने बताया कि वह कोचिंग के लिए कभी नहीं गये और सेल्फ स्टडी से ही परीक्षा पास कर ली। प्रेम ने कहा कि ये इंटरनेट का दौर है। हमें इंटरनेट का सदुपयोग करना चाहिए। अगर हम इंटरनेट का सदुपयोग करते हैं तो हमारी सफलता में आसानी हो जाती है। साथ ही आपको बता दे कि,
इशिता किशोर बनी टॉपर
गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों में दिल्ली विश्वविद्यालय DU से स्नातक इशिता किशोर ने पहला स्थान हासिल किया है। वायु सेना अधिकारी की बेटी इशिता किशोर (26) ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान मिलना उनके लिए सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनने के बाद वह महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करेंगी। उन्होंने कहा, 'मैं पहला स्थान पाकर बहुत खुश हूं। यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है।’ किशोर ने अपने तीसरे प्रयास में यह कामयाबी हासिल की।