शराबबंदी वाले बिहार में नहीं थम रही शराब की तस्करी, पटना के फतुहा से 780 लीटर शराब और बीयर जब्त

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन राज्य में शराब की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। शराब माफिया लगातार सरकार और प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। ताजा मामला राजधानी पटना से सटे फतुहा के सुनारू टोला इलाके का है, जहां एक झोपड़पट्टी में बड़े पैमाने पर अवैध शराब और बीयर की खेप बरामद की गई है। मध निषेध विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में अवैध रूप से शराब और बीयर की तस्करी की जा रही है।

शराबबंदी वाले बिहार में नहीं थम रही शराब की तस्करी, पटना के फतुहा से 780 लीटर शराब और बीयर जब्त

PATNACITY : बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन राज्य में शराब की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। शराब माफिया लगातार सरकार और प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। ताजा मामला राजधानी पटना से सटे फतुहा के सुनारू टोला इलाके का है, जहां एक झोपड़पट्टी में बड़े पैमाने पर अवैध शराब और बीयर की खेप बरामद की गई है। मध निषेध विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में अवैध रूप से शराब और बीयर की तस्करी की जा रही है।

 सूचना के सत्यापन के बाद विभाग के निरीक्षक मनोज कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और छापेमारी की गई। कार्रवाई के दौरान कुल 780 लीटर अवैध शराब और बीयर जब्त की गई, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत तीन लाख रुपये बताई जा रही है। वहीं मध निषेध विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह सूचना दो से तीन दिन पहले मिली थी, जिसके बाद योजना बनाकर छापेमारी की गई। 

हालांकि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। आपको बता दें कि इस तरह की घटनाएं एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि शराबबंदी कानून के बावजूद राज्य में शराब कैसे बिक रही है और माफिया इतने सक्रिय कैसे हैं? राजधानी पटना हो या उससे सटे ग्रामीण इलाके, हर जगह शराब माफिया नेटवर्क फैला चुके हैं। बड़े पैमाने पर शराब की खेप राज्य में पहुंचाई जा रही है और फिर खुदरा धेधेबाजों के जरिए बेची जा रही है।

राजधानी की पुलिस और मद्य निषेध विभाग के अधिकारी लगातार छापेमारी कर रहे हैं, लेकिन शराब तस्करों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे में जरूरत है कि सरकार इस समस्या को और गंभीरता से लें और शराब माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि शराबबंदी की साख और उद्देश्य दोनों बरकरार रह सके।

पटनासिटी से अनिल कुमार की रिपोर्ट