बिहार में नेशनल हाइवे पर बहने लगा तेजाब: मच गयी भारी अफरातफरी

बिहार के पूर्णिया जिले में अचानक सड़क पर तेजाब बहने लगा. लोगों को पहले लगा की पानी बह रहा है लेकिन उसकी चपेट में आकर एक वाहन चालक बुरी तरह झुलस गया और फिर अफरातफरी मच गयी.

बिहार में नेशनल हाइवे पर बहने लगा तेजाब: मच गयी भारी अफरातफरी

NBC24 DESK - बिहार के पूर्णिया जिले में अचानक सड़क पर तेजाब बहने लगा. लोगों को पहले लगा की पानी बह रहा है लेकिन उसकी चपेट में आकर एक वाहन चालक बुरी तरह झुलस गया और फिर अफरातफरी मच गयी. आनन फानन में फायर ब्रिगेड को खबर किया गया. पांच घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद लोगों को तेजाब से बचाया जा सका. 

हम आपको बता दे कि ये वाकया पूर्णिया में एनएच-31 पर हुआ. बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा के पास सड़क पर जा रहे तेजाब से भरे एक टैंकर में लीकेज हो गया. इस व्यस्त सड़क पर गाडियों के साथ साथ लोग भी आ जा रहे थे. उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि टैंकर से पानी नहीं  तेजाब बहकर सड़क पर आ रहा है. इसी बीच टैंकर के ड्राइवर को किसी ने बताया कि उसकी गाड़ी से लीकेज हो रहा है. तभी टैंकर का ड्राइवर लीकेज को बंद करने के लिए नीचे उतरा और बुरी तरह झुलस गया. 

बिहार से पश्चिम बंगाल की ओर जा रहे तेजाब से भरे टैंकर में बायसी थाना क्षेत्र की सीमा पर पूर्णिया मोड़ के पास लीकेज होने लगा. लीकेज रोकने गये वाहन चालक के बुरी तरह झुलसने के बाद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी. खबर मिलने के बाद पूर्णिया से पुलिस और अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा. चूंकि घटना पश्चिम बंगाल के बार्डर पर हुई थी लिहाजा वहां के फायर ब्रिगेड से भी संपर्क किया गया. 

दो राज्यों की टीम ने पांच घंटे तक मेहनत की

बिहार औऱ पश्चिम बंगाल की फायर ब्रिगेड टीम ने एक साथ मिलकर करीब 5 घंटे तक ऑपरेशन चलाया. तब तेजाब की लीकेज को रोका जा सका और जो तेजाब बहकर नीचे फैल गया था, उसके असर को कम किया गया. इस दौरान एनएच-31 पर यातायात बंद रहा और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. इस दौरान बिहार औऱ बंगाल की पुलिस टीम भी लगी रही. 

फायर ब्रिगेड अधिकारी ने बताया कि जहां तेजाब का लीकेज हुआ वहां आसपास कई दुकानें हैं. तेजाब के बहने से जानमाल का नुकसान होना तय था. गाडी के चालक  ने बालू मिट्टी देकर रिसाव पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन वह खुद झुलस गया. ये टैंकर झारखंड से सिलीगुड़ी जा रहा था. टैंकर में मौजूद एसिड को गड्ढा खोदकर उसमें पाइप के जरिये गिराया गया और फिर उसमें ढेर सारा पानी डाला गया. एसिड में पर्याप्त मात्रा में पानी डालने के बाद उसका असर समाप्त हो जाता है.