स्वघोषणा और वंशावली 31 मार्च तक अपलोड कर सकेंगे, दिसंबर 2026 तक पूरा होगा भूमि सर्वेक्षण का कार्य

Patna : बिहार में भूमि सर्वे (Land Survey) का काम दिसंबर 2026 तक निपटा लिया जाएगा। यह जानकारी देते हुए भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बताया कि दिसंबर 2026 तक भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब तकनीकी दिक्कतें दूर कर ली गई है और भूमि सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है।
ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से भूमि संबंधी सभी विवादों का निपटारा किया जाएगा। प्रमंडलीय स्तर पर सर्वर की सुविधा के कारण मामलों के निपटारे में अब तेजी आएगी। रैयतों को फॉर्म-2 में स्वघोषणा और फॉर्म-3 में वंशावली संबंधी जानकारी अपलोड या जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तय कर दी गई है। मंत्री ने बताया कि प्रमंडलवार सर्वेक्षण का काम तेजी से किया जा रहा है और इसे तय समयसीमा के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि तकनीकी बाधा के कारण पिछले चार-पांच से कार्य की गति धीमी थी, लेकिन अब उसे दूर कर लिया गया है। अब सर्व को प्रमकंडलवार ढंग से सुव्यस्थित कर दिया गया है। दिसंबर 2026 तक भूमि सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा।
भूमि संबंधी विवादों और शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली तैयार गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से राज्य के सभी रैयत अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे और उनका त्वरित समाधान भी होगा। इससे दाखिल-खारिज, म्यूटेशन, वंशावली समेत अन्य विवादित मामलों का निपटारा आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में भूमि संबंधी विवाद के कारण अब लोगों को परेशानी नहीं झेलनी होगी। इसी कारण राज्य सरकार ने भूमि सर्वे के कारण को प्रमुखता से पूरा करने का निर्णय लिया है। अगले वर्ष दिसंबर तक भूमि सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।