सभी जिला मुख्यालयों में सितंबर से चलेंगी पिंक बसें, महिलाओं को मिलेंगी ये सुविधाएं..?
बिहार में महिलाओं के लिए परिवहन सुविधाओं को विस्तार दिया जा रहा है। सितंबर तक सभी जिला मुख्यालयों में पिंक बस चलाने की तैयारी परिवहन विभाग कर रहा है। इससे संबंधित सभी पहलुओं पर मंथन शुरू हो गई है। इसके लिए 80 और पिंक बसें मंगवाई जा रही है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने वर्तमान में चल रही 20 सीएनजी पिंक बस की सफलता के बाद अन्य प्रमुख जिलों में भी इसका परिचालन शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये की लागत से 80 पिंक बसों की खऱीद की जा रही है।

PATNA : बिहार में महिलाओं के लिए परिवहन सुविधाओं को विस्तार दिया जा रहा है। सितंबर तक सभी जिला मुख्यालयों में पिंक बस चलाने की तैयारी परिवहन विभाग कर रहा है। इससे संबंधित सभी पहलुओं पर मंथन शुरू हो गई है। इसके लिए 80 और पिंक बसें मंगवाई जा रही है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने वर्तमान में चल रही 20 सीएनजी पिंक बस की सफलता के बाद अन्य प्रमुख जिलों में भी इसका परिचालन शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये की लागत से 80 पिंक बसों की खऱीद की जा रही है। इन बसों के अगस्त महीने के अंत तक बिहार पहुंच जाने की संभावना है। इनमें 35 बसों का परिचालन राजधानी पटना में होगा, जबकि शेष बसें अन्य प्रमुख जिलों में चलाई जाएंगी।
अब बसों में होगी सेनेटरी पैड की सुविधा
महिलाओं की जरूरतों का ध्यान रखते हुए इन बसों में सेनेटरी पैड और मेडिकल किट की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा सुरक्षा के लिए जीपीएस ट्रैकर, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और मोबाइल चार्जर की सुविधा भी इनमें मौजूद रहेगी।
नोडल और सहायक नोडल भी महिलाएं
पिंक बस परियोजना को पूरी तरह महिलाओं के माध्यम से ही संचालित करने की योजना है। इसके लिए बीएसआरटीसी दो चरणों में महिला चालकों को प्रशिक्षित करेगा। पहले चरण में 500 महिला चालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए सभी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। बस चालक, कंडक्टर और महिलाओं यात्रियों के साथ ही इसका संचालन करने वाली नोडल अधिकारी भी महिलाएं हैं। एक नोडल अधिकारी ममता कुमारी ऑफिस आने-जाने के लिए भी पिंक बस का ही इस्तेमाल करती हैं।
कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को बड़ी राहत
वह कहती हैं कि राज्य सरकार ने यह बस महिलाओं को समर्पित की है, जो कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को बड़ी राहत दे रही है। यह सेवा महिलाओं के लिए उपयोगी साबित हो रही है। सहायक नोडल अधिकारी कुमारी बीरबाला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक महिला होने के नाते पिंक बस के लिए काम करना मेरे लिए गर्व की बात है। हमारी जिम्मेदारी है कि महिला यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, जिसके लिए हम यात्रियों से मिलकर उनके सुझाव लेते हैं। महिलाओं की जरूरत के हिसाब से इन बसों को और बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
राजधानी समेत 5 शहरों में चल रही पिंक बस
इस वर्ष मई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएनजी से चलने वाली 20 पिंक बस को हरी झंडी दिखाई थी। इनमें 8 बसों का परिचालन राजधानी की सभी रूटों पर सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक किया जाता है। इसमें रोजाना 1500 से दो हजार महिलाएं और छात्राएं सफर कर रहीं हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर जिले में चार, गया, पूर्णिया और दरभंगा जिले में दो-दो पिंक बस चल रही है। सभी बसों में दो-दो महिला कंडक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि बीएसआरटीसी राजधानी के सभी कॉलेजों में पिंक बस का पास बनाने के लिए विशेष कैंप आयोजित करेगा।