बिहार कांग्रेस में विधायकों के टूट को लेकर बोले उप डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, कहा- अपने विधायकों पर नहीं हैं भरोसा....
कांग्रेस के अंदर होने वाली टूट को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जमकर हमला बोला हैं. उन्होंने कहा हैं की कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं हैं. बिहार में पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं. वे अपने विधायकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं.
DELHI : कांग्रेस के अंदर होने वाली टूट को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जमकर हमला बोला हैं. उन्होंने कहा हैं की कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं हैं. बिहार में पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं. वे अपने विधायकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं.
बता दें, राजधानी दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेता से मुलाकात करने पहुंचे बिहार के उपमुख्यमंत्री से कांग्रेस में अंदर टूट होने को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बिहार में पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं. उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा, वे विधायकों का अपमान करते हैं. कांग्रेस को इस सोच से मुक्त होना चाहिए कि विधायक एक बंधुआ मजदूर है. विधायक जनता का फैसला लाते हैं और उन्हें अपना निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होना चाहिए.
दरअसल, राज्य में फिर से एनडीए सरकार बनने के बाद कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को लेकर काफी सहमी हुई हैं. इसे लेकर पार्टी आलाकमान ने नई रणनीति तय की है और बदली परिस्थिति में बिहार विधानसभा में नई एनडीए सरकार के विश्वासमत हासिल करने का कार्यक्रम तय होते ही कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली बुला लिया है. इससे पहले शनिवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली पहुंचनेवाले सभी विधायकों के साथ बैठक की.
इस कड़ी में इस कड़ी में कल राजधानी दिल्ली में बिहार कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक कर एक नई रणनीति तैयार की गई है. पार्टी को एकजुट रखने और किसी प्रकार की टूट से बचाने को लेकर बिहार के कांग्रेसी विधायकों को प्रदेश से बाहर रखा जायेगा. वही अब कांग्रेस के विधायक बिहार विधानसभा के सत्र आरंभ होने के समय ही पटना पहुंचेंगे. वे फ्लोर टेस्ट में एनडीए सरकार के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेंगे.
मालूम हो, नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत हासिल करेगी. जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों के संयुक्त सत्र में राज्यपाल का संबोधन भी होगा.