बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई पर चर्चा ना हो इसके लिए प्रधानमंत्री यूनिफॉर्म सिविल कोड, इंडिया का नाम बदलने की करते हैं चर्चा - डॉ. शकील अहमद
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सह वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शकील अहमद एक दिवसीय दौरे पर दरभंगा पहुंचे। परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए क्रेंद्र सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि लॉ कमिश्नर ने लिखकर दे दिया कि यह संभव नहीं है, यूनिफॉर्म सिविल कोड। लेकिन प्रधानमंत्री ने खुद शुरू कर दिया है
DARBHANGA: अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सह वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शकील अहमद एक दिवसीय दौरे पर दरभंगा पहुंचे। परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए क्रेंद्र सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि लॉ कमिश्नर ने लिखकर दे दिया कि यह संभव नहीं है, यूनिफॉर्म सिविल कोड। लेकिन प्रधानमंत्री ने खुद शुरू कर दिया है। इसका एक मकसद है हमने जो नहीं किया है जो भ्रष्टाचार का आरोप है अडानी जी को लेकर प्रधानमंत्री पर, इस पर लोग बहस नहीं करें। बेरोजगारी पर बहस नहीं करें।
वहीं उन्होंने कहा कि 18 साल में किसानों की आमदनी सबसे कम है आज के तारीख में। जबकि वादा किया था कि हम 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे। 45 सालों में बेरोजगारी हमारे नौजवानों की कम है सबसे। सेना को पेंशन नहीं देना पड़े। इसके लिए परमानेंट बहाली खत्म कर के 4 साल के लिए अग्निवीर ला दिया। इसलिए इसपर कोई चर्चा ना करे। अभी हमारा एक अग्नि वीर शहीद हुआ उसकी कोई शहीद का दर्जा नहीं मिला उसकी लाश भी नहीं आई परिवार के लोग जाकर उसकी लाश लेकर आए। इस तरह के मुद्दे से लोगो को भटकाने के लिए तरह तरह के बहस शुरू कर दी गई है।
वहीं उन्होंने कहा कि एक दूसरा मुद्दा प्रधानमंत्री ने शुरू कर दिया। इंडिया बनाम भारत। अभी एनसीईआरटी को निर्देश दिया गया है कि जहां-जहां इंडिया है उसको हटाकर भारत कर दिया जाए। हमारे संविधान के शुरुआत में ही लिखा हुआ है इंडिया का मतलब भारत। यानि जो इंडिया है वहीं भारत है। वही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कागज पर ही सही कम से कम 10 योजनाएं मेक इन इंडिया खेलो इंडिया आदि इंडिया के नाम से जारी की है। लेकिन आज कह रहे है कि PFI में इंडिया लगा हुआ है। इसलिए ऐसा किया गया है। लेकिन ऐसा नहीं है यह सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि विरोधी गठबंधन का नाम इंडिया बनता है।
वहीं शकील अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री का सिर्फ एक मकसद है कि हमारे क्रियाकलाप पर चर्चा ना हो। गैर जरूरी मुद्दों पर देश के लोग चौक चौराहा पर चर्चा करें। हमारा जो भ्रष्टाचार का आरोप है अदानी मामले को लेकर। तो उसे भ्रष्टाचार पर लोग चर्चा ना करें। लोग बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई पर चर्चा ना करें। जब हमारी सरकार गई थी तब 400 सौ रुपया सिलेंडर था। अभी 11 सौ 12 सौ मूल्य पर बहस ना हो। इसलिए उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड, इंडिया का नाम बदल दीजिए। लेकिन इनकी सरकार की नीति को हिंदुस्तान की जनता समझ चुकी है और आगामी लोकसभा के चुनाव में यहां जनता मुहतोड़ जबाब देने का काम करेगी।
दरभंगा से अशोक ठाकुर की रिपोर्ट