नवादा में जब एंबुलेंस ड्राईवरों ने दिखायी दरियादिली, तो चिकित्सक ने दिया मानवता का परिचय

नवादा में दोनों पैर से दिव्यांग गर्भवती महिला सुनीता देवी का ऑपेरशन करने में कई बाधाएं सामने आई, तो उसे और कोई नहीं बल्कि फरिश्ता बनकर सामने आए प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों ने महिला का सफलतापूर्वक ऑपेरशन करवाया। जिसमें नवादा के सर्जन डॉक्टर पीएस चौधरी ने भी उनका बखूबी साथ दिया।

नवादा में जब एंबुलेंस ड्राईवरों ने दिखायी दरियादिली, तो चिकित्सक ने दिया मानवता का परिचय

NAWADA: जब उम्मीद की सारी दरवाजे बंद हो जाते हैं, तो भगवान फरिश्ता बनकर इंसान की मुश्किल घड़ी में साथ देता है, जिससे मानव जीवन के सभी कार्यों को आसान कर देते हैं। नवादा में भी कुछ ऐसा ही वाकया देखने को मिला है। जहां दोनों पैर से दिव्यांग गर्भवती महिला सुनीता देवी का ऑपेरशन करने में कई बाधाएं सामने आई, तो उसे और कोई नहीं बल्कि फरिश्ता बनकर सामने आए प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों ने महिला का सफलतापूर्वक ऑपेरशन करवाया। जिसमें नवादा के सर्जन डॉक्टर पीएस चौधरी ने भी उनका बखूबी साथ दिया।

दरअसल नवादा जिले के नेमदारगंज थानाक्षेत्र के जसौली गांव की रहने वाली बिपिन राम की पत्नी सुनीता देवी दोनों पैर से दिव्यांग हैं। इनका परिवार काफी गरीब है और पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं। इन्हें सदर अस्पताल में ऑपेरशन के लिए भर्ती कराया गया। लेकिन, पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण अस्पताल ने महिला को विम्स रेफर कर दिया। यहां भी सुनीता की किस्मत खराब थी। विम्स में डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण इन्हें पुनः वापस नवादा भेज दिया गया।

इस दौरान पति काफी परेशान थे, दिव्यांग पत्नी को लेकर जब वो अस्पताल में भटक रहे थे। उस वक्त पति के पास मात्र 400 रुपये थे। उसी वक़्त निजी एम्बुलेंस चालकों की नजर उसपर गयी और सब ने उसके लिए फरिस्ता बनकर आएं और मदद करने का शिलसिला शुरू हुआ । एम्बुलेंस ड्राइवर मनोज कुमार, अखिलेश कुमार, कालिया, मंजीत कुमार सहित कई ड्राइवर ने आपस में पैसा इकट्ठा कर नवादा के एक निजी क्लिनिक मेडिकेयर गायनी एंड स्टोन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां सर्जन डॉ. पीएस चौधरी एवं उनकी पत्नी महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. संघमित्रा को भी पूरी कहानी बताई गई। इसके बाद डॉक्टर भी दरियादिली दिखायी और इस नेक कार्य में उनका साथ दिया और ऑपेरशन फ्री में किया तथा सफलतापूर्वक ऑपेरशन किया, जिसके बाद महिला ने नवजात शिशु लड़के को जन्म दिया।

डॉक्टर पीएस चौधरी ने उसका सारा इलाज मुफ्त में किया। इसके बाद दंपति ने चिकित्सक दंपति को धन्यवाद दिया और कहा आज भी भगवान डॉक्टर के रूप में जीवित है। दोनों पति -पत्नी ने एंबुलेंस ड्राईवरों को भी दिल से धन्यवाद दिया।

सही कहा गया है, जिसका कोई नहीं उसका भगवान जरूर होता है। सुनीता और बिपिन के लिए डॉक्टर और एम्बुलेंस ड्राइवर भगवान बनकर सामने आए।

नवादा से सुनील कुमार की रिपोर्ट