दरभंगा में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के हड़ताल के कारण ठप्प हुआ आंगनबाड़ी केंद्र, सरकार से क्या है मांग..?

हार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिला के 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्र के 10 हजार आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर 29 सितंबर से केंद्रों पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

दरभंगा में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के हड़ताल के कारण ठप्प हुआ आंगनबाड़ी केंद्र, सरकार से क्या है मांग..?
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DARBHANGA: बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिला के 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्र के 10 हजार आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर 29 सितंबर से केंद्रों पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसी कड़ी में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका ने लहेरियासराय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना देते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करतें हुए अपनी मांगों के समर्थन में आवाज को बुलंद किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस महंगाई में मानदेय के रूप में बहुत ही कम रुपये मिलता है। उससे घर-परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। अगर सरकार हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगामी चुनाव में इसका परिणाम राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा।

वहीं आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका संघ के जिला अध्यक्ष कुमारी स्वेता सुमन ने नीतीश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार से हम लोगों की मांग है अन्य राज्यों की तरह हमें भी राज्य भत्ता दे। जो नियम अन्य राज्यों में लागू हुआ है। वहीं नियम बिहार राज्य में भी लागू करे। राज्य सरकार अपनी तिजोरी का ताला खोले। नहीं तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन चलेगा। वहीं उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है ग्रेजुएटी लागू करने का उसे सरकार लागू करें। वही उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका को थर्ड ग्रेड का तथा आंगनबाड़ी सेविका को फोर्थ ग्रेड का दर्जा दे। जब तक सरकार हमें सरकारी कर्मी घोषित नहीं करती हैं। तब तक आंगनबाड़ी सेविका का 25 हजार तथा आंगनवाड़ी सहायिका का 18000 रुपया मानदेय लागू करें।

साथ ही आंगनबाड़ी सेविकाओं को पर्यवेक्षिका में प्रमोशन करें। इन पांच मांगों को लेकर हम लोग 29 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। सभी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका कामकाज को ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। हमारी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका बहन बचपन दिवस से लेकर 55 दिवस का काम करती है। लेकिन सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है। इसीलिए हमारी बहनें सड़क से लेकर संसद तक का लड़ने के लिए तैयार है। जिसका देन नीतीश कुमार है। नीतीश कुमार से हमारी मांग है कि अन्य राज्यों की तरह हमें भी सम्मान देते हुए राज्य कर्मी का दर्जा दे।

दरभंगा से अशोक ठाकुर की रिपोर्ट