वेजफेड को विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों से 20 हजार मीट्रिक टन टमाटर आपूर्ति का मिला कार्यादेश
समीक्षा के क्रम में मंत्री को बताया गया कि वेजफेड को विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों से कुल 20 हजार मीट्रिक टन टमाटर की आपूर्ति का कार्यादेश प्राप्त हुआ है, जिसके माध्यम से टमाटर उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित एवं बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा। तिरहुत सब्जी संघ, मोतिहारी को वेजफेड द्वारा निदेश दिया गया है कि टमाटर की अधिप्राप्ति के लिए सभी संघों एवं सभी PVCS से समन्वय स्थापित करते हुए किसानों से टमाटर का क्रय करते हुए निर्धारित प्रसंस्करण इकाइयों को आपूर्ति करना सुनिश्चित करें।
PATNA : सहकारिता मंत्री डॉ. प्रमोद कुमार ने बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना (वेजफेड) की समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में सचिव धर्मेन्द्र सिंह, वेजफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. गगन एवं वेजफेड के पदाधिकारी गणों के साथ संघ के अध्यक्ष उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक में मंत्री को वर्तमान में वेजफेड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा "आधारभूत संरचना निर्माण (PVCS) योजना", "प्याज भंडारण निर्माण योजना", "तरकारी आउटलेट निर्माण योजना", "बुनियादी उपकरण क्रय की योजना", "प्लास्टिक क्रेट्स योजना' की विस्तृत जानकारी एवं इन योजनाओं के प्रगति की वर्तमान भौतिक स्थिति एवं वित्तीय स्थिति से अवगत कराया गया।
समीक्षा के क्रम में मंत्री को बताया गया कि वेजफेड को विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों से कुल 20 हजार मीट्रिक टन टमाटर की आपूर्ति का कार्यादेश प्राप्त हुआ है, जिसके माध्यम से टमाटर उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित एवं बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा। तिरहुत सब्जी संघ, मोतिहारी को वेजफेड द्वारा निदेश दिया गया है कि टमाटर की अधिप्राप्ति के लिए सभी संघों एवं सभी PVCS से समन्वय स्थापित करते हुए किसानों से टमाटर का क्रय करते हुए निर्धारित प्रसंस्करण इकाइयों को आपूर्ति करना सुनिश्चित करें।
इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही टमाटर की अधिक आवक के समय मूल्य गिरावट की समस्या से भी राहत मिल सकेगा। वेजफेड की इस पहल से न केवल टमाटर उत्पादक किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि कृषि आधारित प्रसंस्करण उद्योगों को भी निरंतर कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा।
मंत्री ने टमाटर उत्पादक किसानों के हित में विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों को 20 हजार मीट्रिक टन टमाटर की आपूर्ति का कार्यादेश प्राप्त होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आगे भी इसी तरह का पहल वेजफेड द्वारा निरंतर किया जाना चाहिए ताकि टमाटर उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।
मंत्री ने वेजफेड के योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सब्जी उत्पादक किसानों को संगठित कर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। वेजफेड के माध्यम से सब्जी उत्पादन, संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था सुदृढ़ की जाय ताकि किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
सब्जी उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए सब्जी उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी श्रृंखला को मजबूत करना सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न विभागों विशेष कर कृषि विभाग द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित कर राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों को लाभान्वित कराने का भी निदेश दिया गया। साथ ही सब्जी उत्पादक किसानों के प्रशिक्षण के साथ बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाए।
मंत्री ने निर्देश दिया कि जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय तथा पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय। सहकारिता के माध्यम से सब्जी उत्पादन को लाभकारी बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा सकती है और इस दिशा में वेजफेड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत प्राथमिक सब्जी सहकारी समितियों (PVCS) द्वारा किसानों से प्रत्यक्ष रूप से सब्जियों का क्रय किया जा रहा है। क्रय की गई सब्जीयों का PVCS स्तर पर तौल, छटाई एवं प्राथमिक ग्रेडिंग के उपरांत स्थानीय बाजारों में स्वयं के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जहां मांग और बाजार की आवश्यकता होती है वहां PVCS द्वारा सब्जियों की आपूर्ति संघ के माध्यम से की जाती है, जिससे बेहतर बाजार, पहुंच और मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।
वर्तमान में बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना (वेजफेड) के अंतर्गत राज्य के सभी 534 प्रखंडों में PVCS का निबंधन कार्य पूर्ण हो चुका है। अब तक राज्य में कुल 07 संघ (हरित, तिरहुत, मिथिला, मगध, भागलपुर, मुंगेर, सारण) निबंधित हैं।
आगे आने वाले दिनों में वेजफेड के माध्यम से राज्य सरकार "मेगा फुड पार्क" निर्माण करने की योजना क्रियान्वित की जायेगी, जिसके माध्यम से कृषि उत्पादों को खेत से सीधे प्रसंस्करण और बाजार तक जोर कर मूल्य-संवर्धन, खाद्य अपव्यय में कमी और रोजगार सृजन करना संभव हो सकेगा। साथ ही "डिहाइड्रेशन यूनिट" का भी निर्माण कार्य कराया जायेगा, जिससे फल-सब्जियों की भंडारण अवधि में वृद्धि होगी और उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध हो सकेगा।
"हल्दी प्रसंस्करण इकाई" के निर्माण पर भी काम प्रारंभ होगा, जिसके माध्यम से कच्ची हल्दी के स्थान पर प्रसंस्कृत उत्पादन से अधिक मूल्य किसानों को सुनिश्चित हो सकेगा। "टमाटर प्रसंस्करण इकाई" परियोजना के माध्यम से टमाटर की अधिकता से होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसानों की आय में स्थिरता तथा साल भर बाजार आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगा।
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