महज तीन से चार हजार में बेच देते थे चोरी के वाहन, पुलिस की पूछताछ में शातिरों ने किया बड़ा खुलासा
राजधानी में वाहन चोर गिरोह ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। पटना में रोजाना औसतन 10 से 15 वाहन चोरी के मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि पहले की अपेक्षा वाहन चोरी की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन फिर भी पुलिस पूरी तरीके से वाहन चोरों पर लगाम नहीं लगा पाई है। ताजा मामला पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र स्थित अमरूदी गली बंगाली अखाड़ा का है, जहां 23 अप्रैल को एक स्कूटी (BR01CK-9204) चोरी कर ली गई।

PATNA : राजधानी में वाहन चोर गिरोह ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। पटना में रोजाना औसतन 10 से 15 वाहन चोरी के मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि पहले की अपेक्षा वाहन चोरी की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन फिर भी पुलिस पूरी तरीके से वाहन चोरों पर लगाम नहीं लगा पाई है। ताजा मामला पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र स्थित अमरूदी गली बंगाली अखाड़ा का है, जहां 23 अप्रैल को एक स्कूटी (BR01CK-9204) चोरी कर ली गई।
बताया जा रहा है कि रात के अंधेरे में चोरों ने स्कूटी उड़ा ली। घटना की सूचना पर कदमकुआं थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर पुलिस चोरों की तलाश कर रही थी। इस बीच मामले की जानकारी जब पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को मिली तो उन्होंने मामले को गंभीरता ते लिया और पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देश के बाद विशेष टीम गठित की गई और टाउन एएसपी के नेतृत्व में टीम दर्जनों कैमरे को खंगालते हुए पटनासिटी के खाजेकलां थाना क्षेत्र स्थित पतुकीबाग दीवान मोहल्ला पहुंच गई। वहां से रोहित कुमार नामक युवक को चोरी की स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार रोहित से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर इस गैंग में शामिल विष्णु सिद्धार्थ और गौतम कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से पीरबहोर थाना क्षेत्र से चोरी की गई पल्सर बाइक बरामद की गई।
मिली जानकारी के अनुसार ये शातिर वाहन चोर गिरोह काफी लंबे समय से पटना के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में वाहनों की चोरी कर विष्णु को सौंप देते थे। इसके बदले में इन्हें तीन से चार हजार रुपये मिलते थे। गिरोह के सदस्य इन रुपयों को आपस में बांट लेते थे। पूछताछ में शातिर वाहन चोरों ने स्वीकार किया है कि अय्याशी के लिए वे वाहनों की चोरी किया करते थे। वाहनों की चोरी के बाद उसे अपने गिरोह के विष्णु को सौंप देते थे। प्रत्येक वाहन के एवज में उन्हें तीन से चार हजार रुपये मिलते थे, जिसे वे ऐशमौज पर खर्च कर नए शिकार की तलाश में जुट जाते थे। गिरफ्तार सभी आरोपितों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है।
पटना से अजय शर्मा की रिपोर्ट