तेजस्वी यादव पर हमला बोले सुशील कुमार मोदी, कहा- खुद को शेर का बेटा बताने वाले तेजस्वी यादव माफी क्यों मांग रहे हैं?
सुशील मोदी ने कहा है की सारे गुजरातियों को ठग बताने वाले तेजस्वी यादव का सारा बड़बोलापन गायब हो गया है. लोगों के बीच वे खुद को शेर का बेटा बताते हैं. अगर वाकई वे शेर हैं तो गुजरातियों को ठग बताने वाली अमर्यादित टिप्पणी के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर माफी क्यों मांग ली है?
PATNA: भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा हैं, खुद को शेर का बेटा बताने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव सुप्रीम कोर्ट में एफेडेविट देकर माफी क्यों मांग रहे हैं. बड़बोले तेजस्वी यादव में अगर हिम्मत होती तो वे अपने बयान पर कायम रहते. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव से ये सवाल किया हैं.
बता दें, सुशील मोदी ने कहा है की सारे गुजरातियों को ठग बताने वाले तेजस्वी यादव का सारा बड़बोलापन गायब हो गया है. लोगों के बीच वे खुद को शेर का बेटा बताते हैं. अगर वाकई वे शेर हैं तो गुजरातियों को ठग बताने वाली अमर्यादित टिप्पणी के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर माफी क्यों मांग ली है?
साथ ही उन्होंने कहा- विधानसभा की सदस्यता समाप्त होने के डर से तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी की तरह लिखित क्षमा याचना कर अपनी गर्दन बचा ली है. यदि वे लालू प्रसाद के पुत्र होने का दंभ भरते हैं और बड़बोले बयान देते हैं, तो झुकने की बजाय अपनी बात पर अड़े रहते और कोर्ट के फैसले का सामना करते. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री को "चौकीदार चोर है" कहा था और उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी.
मालूम हो, राजयसभा सांसद सुशिल मोदी ने कहा कि वही तेजस्वी यादव हैं, जो उपमुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी 5, देश रत्न मार्ग वाला सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे थे. वे कोर्ट गये थे तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी थी और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा था. गैर जिम्मेदाराना बयान देने और फिर कोर्ट में माफी मांग कर सजा से बच निकलने की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश कैसे लगे, इस पर देश की शीर्ष न्यायपालिका को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा की जो लोग लोकतंत्र बचाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वे ही अपने अमर्यादित और द्वेषपूर्ण बयानों से लोकतंत्र को बार-बार कलंकित कर रहे हैं.