पटना के आईजीआईएमएस में डायटेटिक्स विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

पटना के आईजीआईएमएस में डायटेटिक्स विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डॉ. मनीष मंडल चिकित्सा अधीक्षक, आईजीआईएमएस, पटना ने बताया कि प्रतिवर्ष सितम्बर माह में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आज संस्थान में डायटेटिक्स विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पटना के आईजीआईएमएस में डायटेटिक्स विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
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पटना के आईजीआईएमएस में डायटेटिक्स विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डॉ. मनीष मंडल चिकित्सा अधीक्षक, आईजीआईएमएस, पटना ने बताया कि प्रतिवर्ष सितम्बर माह में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आज संस्थान में डायटेटिक्स विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. मंडल ने बताया कि इस आयोजन के अवसर पर नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न विषयों पर पोस्टर तैयार किए। पोस्टरों में स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, व्यायाम, कुपोषण, अन्य रोगों की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषय शामिल थे। छात्रों ने चित्रों और नारों के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी संदेशों को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया। इन सभी जागरूकता गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना, जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं को पहचानना और स्वस्थ रहने के लिए व्यावहारिक सुझाव प्रदान करना था।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग की मुख्य आहार विशेषज्ञ डायटीसियन मनीषा कुमारी ने की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पोषण माह की थीम “संपूर्ण पोषण - स्वस्थ जीवन की आधारशिला” है। डायटीसियन मनीषा कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि संतुलित आहार केवल बच्चों और माताओं के लिए ही नहीं बल्कि प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि उचित पोषण से न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और किडनी संबंधी बीमारियों जैसी जीवनशैली संबंधी समस्याओं से भी बचाव संभव है।

कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, छात्रों और मरीजों को स्वस्थ खानपान की महत्ता से अवगत कराया गया। साथ ही, स्थानीय और मौसमी खाद्य पदार्थों के उपयोग, जंक फूड से परहेज़ तथा नियमित शारीरिक गतिविधि को अपनाने पर विशेष बल दिया गया। डायटेटिक्स विभाग की ओर से इस अवसर पर पोषण संबंधी प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता और मरीजों के बीच जनजागरूकता सामग्री भी वितरित की गई।

संस्थान के डीन (एकेडमिक) डॉ ओम कुमार ने सभी से अपील की कि वे पोषण माह को केवल एक औपचारिकता न मानकर इसे जीवनशैली में उतारें, ताकि समाज में “हर घर पोषण, हर घर स्वास्थ्य” का लक्ष्य साकार हो सके।

संस्थान के रेप्रोडक्टिव मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ कल्पना सिंह ने इस अवसर यह कहा कि स्वस्थ्य नारी ही सशक्त परविार एवं समाज की संरचना करती है। इसलिए सभी महिलाओं को अपने खान-पान से संबंधित विशेष जागरूक होने की आवश्यकता है।