भगवान परशुराम के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान
भगवान परशुराम की जयंती पखवारा पर पटना में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना नगर निगम की स्वच्छता बांड एंबेस्डर और सुप्रसिद्ध लोकगीत गायिका नीतू नवगीत ने कहा कि भगवान परशुराम की महिला अपरंपार है। परशुराम भगवान शिव के परमभक्त होने के साथ-साथ न्याय के देवता भी माने जाते हैं।

PATNA : भगवान परशुराम की जयंती पखवारा पर पटना में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना नगर निगम की स्वच्छता बांड एंबेस्डर और सुप्रसिद्ध लोकगीत गायिका नीतू नवगीत ने कहा कि भगवान परशुराम की महिला अपरंपार है। परशुराम भगवान शिव के परमभक्त होने के साथ-साथ न्याय के देवता भी माने जाते हैं। उन्होंने क्रोध में न सिर्फ 21 बार इस धरती को क्षत्रियविहीन किया, बल्कि भगवान गणेश भी उनके गुस्से का शिकार हो चुके हैं।
कार्यक्रम में बाबा परशुराम की महिमा का बखान करते हुए सुप्रसिद्ध लोकगायिका और पटना नगर निगम की स्वच्छता ब्रांड अंबेस्डर नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि भगवान परशुराम प्रभु विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। वह ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे और उनको चिरंजीवी माना जाता है। आज भी भगवान परशुराम पृथ्वी पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के परम भक्त भगवान परशुराम को परशु नमक दिव्य अस्त्र भी भगवान भोलेनाथ से ही प्राप्त हुआ था।
इसी अस्त्र की मदद से उन्होंने दुष्ट राक्षसों का कई बार संहार किया और पृथ्वी को राक्षसों के अत्याचार से मुक्त कराया। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प वर्षा की गई। भगवान परशुराम जयंती की मौके पर मुख्य अतिथि नीतू नवगीत ने हवन-पूजन किया और लोगों से भगवान परशुराम के आदर्शों पर चलने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि समाज के अंदर अगर किसी ने अधर्म और अन्याय के लिए सबसे पहले आवाज उठाई थी तो वह आवाज भगवान परशुराम ही थे।
भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठवें अवतार हैं। स्कंद पुराण व भविष्य पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म त्रेतायुग में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन प्रदोषकाल समय में हुआ था। भगवान परशुराम का जन्म माता रेणुका के गर्भ से हुआ था, जो आज भी अजर अमर माने जाते हैं। इस अवसर पर कई वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और भगवान परशुराम के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।