विजय सिन्हा ने तेजस्वी को फिर घेरा, कहा- घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें, न्याय का समय है, बच्चों के भविष्य के साथ कब तक करेंगे खिलवाड़?

राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने एक बार फिर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीते 4 दिनों से तेजस्वी यादव ने प्रीतम और सिकंदर को लेकर एक शब्द नहीं बोला है।

विजय सिन्हा ने तेजस्वी को फिर घेरा, कहा- घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें, न्याय का समय है, बच्चों के भविष्य के साथ कब तक करेंगे खिलवाड़?

PATNA: NEET पेपर लीक मामले को लेकर बिहार का सियासी गलियारा भट्टी की तरह तप रहा है। रोज नए-नए नाम के साथ चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बिहार की सरकार में बैठी बीजेपी और जेडीयू लगातार आरजेडी प्रमुख के बेटे तेजस्वी यादव पर निशाना साध रही है। राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने एक बार फिर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीते 4 दिनों से तेजस्वी यादव ने प्रीतम और सिकंदर को लेकर एक शब्द नहीं बोला है।

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आखिर तेजस्वी मौन क्यों हैं ? बताएं, नहीं संबंध हैं तो कहें कि मेरा संबंध नहीं है. प्रीतम मेरा पीएस नहीं है. सिकंदर मेरे घर आता-जाता नहीं था. जब लालू प्रसाद रांची में जेल में बंद थे तो सिकंदर सेवादार का काम करता था. इन सब बातों का जवाब तेजस्वी को देना चाहिए.

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि प्रीतम कुमार ने NHAI का गेस्ट हाउस क्यों बुक किया था ? लालू का सेवादार रहा सिकंदर जब रांची में जल संसाधन विभाग से पटना आया तो कैसे उसे नगर विकास विभाग का जिम्मा सौंप दिया गया जब तेजस्वी डिप्टी सीएम थे और नगर विकास मंत्रालय उनके पास था. इन सब बातों को लेकर तेजस्वी जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं.

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि "बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कब तक करते रहेंगे ? ये घड़ियाली आंसू बहाने का खेल बंद कीजिए, अब जजमेंट और न्याय का वक्त है.स्पष्ट करिये ! ये जो सफाई देते हैं कि हम जब रहते हैं तो गड़बड़ नहीं होता है. जब हम नेता प्रतिपक्ष थे सिपाही भर्ती के मामले में क्या खेल हुआ था ?"

इतना ही नहीं डिप्टी सीएम ने बिना नाम लिए आरजेडी सांसद मनोज सिन्हा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "जांच की प्रक्रिया चल रही है. हमारे विभाग से संबंधित जो विषय था उसके बारे में हमने बताया लेकिन आरजेडी में कुछ विद्वान लोग हैं जो पद के लिए पैर पकड़ते हैं और उन्माद पैदा करते हैं और सही जवाब नहीं देते हैं."