सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल के डॉक्टर ने गवाएं 4 करोड़ 40 लाख रुपये, 6 दिनों में साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर किए रुपये

गया के नामी हार्ट स्पेशलिस्ट और बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉ एएन राय ने खुद की गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 करोड़ 40 लाख रुपए साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। खास बात यह कि 4 करोड़ 40 लाख रुपए एक दिन में नहीं बल्कि 6 दिनों में ट्रांसफर किए।

सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल के डॉक्टर ने गवाएं 4 करोड़ 40 लाख रुपये, 6 दिनों में साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर किए रुपये

GAYA: जिले के नामी हार्ट स्पेशलिस्ट और बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉ एएन राय ने खुद की गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 करोड़ 40 लाख रुपए साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। खास बात यह कि 4 करोड़ 40 लाख रुपए एक दिन में नहीं बल्कि 6 दिनों में ट्रांसफर किए। उस छह दिनों तक दिल के डॉक्टर का दिमाग तनिक भी काम नहीं किया। यही वजह रही कि लगातार 6 दिनों तक वह साइबर ठगों द्वारा दिखाए गए गिरफ्तारी के भय के साये में जीते रहे व अरेस्टिंग से बचने के लिए ताबड़तोड़ हर दिन मोटी रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर करते रहे। इस दौरान उन्होंने इस बात की थोड़ी सी भी भनक तक किसी को नहीं लगने दी। सारे रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद दिल के डॉक्टर का दिमाग काम करने लगा तो उसे एहसास हुआ कि वह तो ठगी का शिकार हो गया है। इस बात का एहसास होते ही वह दौड़े दौड़े साइबर थाने पहुंचे और केस दर्ज कराया। पूरी घटना 31 जुलाई से लेकर 6 अगस्त के बीच की है।

साइबर थाने में दर्ज रिपोर्ट में डॉ एएन राय (अभय नारायण) का कहना है कि उनके मोबाइल नम्बर पर 29 जुलाई को 7337066781 नम्बर से एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपके विरुद्ध सीबीआई ने क्रिमिनल केस दर्ज किया है। आपके नाम से एक मोबाइल नंबर है और आपके नाम से एचडीएफसी बैंक मुंबई में खाता खोला गया है। उस खाते में मनी लॉन्ड्रिंग एवं इललीगल पैसा जमा होता है। अगर क्रिमिनल प्रोसिडिंग से आप बचाना चाहते हैं तो साइबर कोर्ट ने कहा है कि आप अपने बैंक खाता में जितना पैसा है उसको तत्काल हमारे द्वारा भेजे जा रहे बैंक खाता में जमा कर दीजिए। नहीं तो हम लोग तुरंत वारंट लेकर आपको गिरफ्तार कर लेंगे। इसके अलावा उसने तीन करोड़ सिक्योरिटी मनी जमा करने की बात भी कही। इस प्रकार मैं उनकी बातों मे से बहुत डर गया और उनके द्वारा दिए जा रहे विभिन्न खाता में 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक कुल 4 करोड़ 40 लख रुपए ट्रांसफर कर दिए। 4 करोड़ 40 लाख रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद जब उस नंबर पलट कर फोन किया तो वह नंबर बंद मिलने लगा। जबकि उस नंबर पर 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक लगातार बातचीत हो रही थी। काफी प्रयास करने के बाद भी जब नंबर नहीं मिला तो मुझे एहसास हो गया कि हमारे साथ साइबर ठगी की घटना हो गई है। इस बात का अहसास होते ही हमने एनसीआर पोर्टल पर और गया साइबर थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि वादी के आवेदन के आधार पर गया साइबर थाना कांड संख्या- 106/24, धारा- 319(2)/318(4) BNS एवं 66(C)/66(D) IT Act कांड दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया है। गया साइबर थाना द्वारा अग्रतर कार्रवाई करते हुए आवेदक के खाता से निकासी होने के बाद जमा (प्राप्त कर्ता) के खाता जो करीब 123 के संख्या में है, सभी का KYC संबंधित बैंक से प्राप्त किया जा रहा है। KYC प्राप्त होने पर सम्बन्धित खाता धारक का सत्यापन किया जा रहा है। गया साइबर थाना के द्वारा NCRP पोर्टल के माध्यम से अब तक इस कांड में करीब 61 लाख रुपया होल्ड कराया गया है तथा विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर उसे वादी को वापस दिलाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। वरीय पुलिस अधीक्षक गया द्वारा इस मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी और त्वरित अनुसंधान के लिए SP City  गया के नेतृत्व में SIT बनाई गई है जिसमें DSP Cyber तथा अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल किए गए हैं। एसएसपी ने आम अवाम से निवेदन किया है कि साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें। संदेहास्पद लोगों को कोई जानकारी नहीं दें। तुरंत पुलिस को सूचित करें।

गया से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट