बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर के कई ठिकानों पर निगरानी का छापा, 31 जनवरी हो रहे थे रिटायर

निगरानी विभाग ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा है। टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये मारी गई, जिसके प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाया गया है।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर के कई ठिकानों पर निगरानी का छापा, 31 जनवरी हो रहे थे रिटायर

PATNA: निगरानी विभाग ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा है। टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये मारी गई, जिसके प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाया गया है। निगरानी की टीम ने रूपसपुर वेदनगर, बक्सर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दुधानी गांव, पुनाईचक स्थित एक फ्लैट, और पुल निर्माण निगम का कार्यालय में निगरानी टीम छापेमारी कर रही है।

आपको बता दें कि जंग बहादुर सिंह पुल निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर हैं। इनपर आरोप है कि उन्होंने अपने और अपने परिवार के नाम पर करोड़ की जमीन और फ्लैट खरीदे हैं। निगरानी ब्यूरो की प्रारंभिक जांच में इन आरोपों को सही पाया गया है।

आय से अधिक संपत्ति का मामला सं-3/25 दर्ज किया गया है। उसके बाद छापेमारी के लिए कोर्ट से सर्च वारंट लिया। इनके चार ठिकानों पर छापेमारी जारी है। गुरुवार की सुबह से देर रात तक छापेमारी चलती रही। निगरानी की इस कार्रवाई से पुल निर्माण निगम अधिकारियों में हड़कंप मचा है।

हालांकि इस संबंध में पुल निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह ने बताया कि पूर्व डीजीपी योगेश्वर नाथ श्रीवास्तव से जमीन का विवाद था। इसी को लेकर निगरानी विभाग में उन्होंने शिकायत की थी। यह मामला कोर्ट में भी है। इसी को लेकर छापेमारी की कार्रवाई गई है।

जंग बहादुर सिंह का कहना है कि पूर्व डीजीपी का पीछे 8 बीघा जमीन है। उन्होंने मेरे जमीन के साथ घेराबंदी कर दी। मेरी जमीन पर आने वाला रास्ता बंद हो गया। 2012 में जब पथ निर्माण विभाग ने सर्विस रोड बनाया तो हमें 30 फीट दिया गया। कोर्ट में भी मामला चल रहा है। खुन्नस में छापेमारी हो रही है।

जंग बहादुर सिंह ने बताया कि योगेश्वर नाथ श्रीवास्तव मेरी जमीन हथियाना चाहते थे। कामयाब नहीं होने पर मेरे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी को वे रिटायर भी कर रहे हैं।