भागलपुर में सार्जेंट के पद पर तैनात जवान का शव गया पहुंचते ही मचा कोहराम, आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

गया जिले के चेरकी थाना क्षेत्र के जमड़ी गांव निवासी 28 वर्षीय अभिषेक कुमार का शव गांव पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने शव के साथ गया-चेरकी मुख्य सड़क मार्ग के वायरलेस गांव के समीप सड़क जाम कर दिया, साथ ही आगजनी कर प्रदर्शन करने लगे।

भागलपुर में सार्जेंट के पद पर तैनात जवान का शव गया पहुंचते ही मचा कोहराम, आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
Image Slider
Image Slider
Image Slider

GAYA: जिले के चेरकी थाना क्षेत्र के जमड़ी गांव निवासी 28 वर्षीय अभिषेक कुमार का शव गांव पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने शव के साथ गया-चेरकी मुख्य सड़क मार्ग के वायरलेस गांव के समीप सड़क जाम कर दिया, साथ ही आगजनी कर प्रदर्शन करने लगे। गौरतलब है कि अभिषेक कुमार भागलपुर के पुलिस लाइन में सार्जेंट के पद पर तैनात था। आज उसका शव गया पहुंचा। जिसके बाद परिजन व स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। लोग पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे।

इस संबंध में मृतक के छोटे भाई विवेक कुमार ने बताया कि कल फोन पर हमें यह जानकारी भागलपुर के पुलिसकर्मियों के द्वारा दी गई कि अभिषेक की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। जिसके बाद हमलोग वहां पहुंचे। तब वहां मौजूद भागलपुर के पुलिसकर्मियों ने बताया कि अभिषेक ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने कहा कि अभिषेक कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकता है। वह फोन पर भी लगातार जानकारी दे रहा था कि पुलिस लाइन के डीएसपी वह मुंशी फर्जी कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे हैं। दो दिन पहले अभिषेक ने बताया कि यह बात हमें पता चली है कि हमारा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कई कागजात पर हस्ताक्षर किया गया है। उसने डीएसपी और मुंशी को या हिदायत दी कि वह पूरे मामले की जानकारी भागलपुर के एसएसपी को देगा। संभवत इसी से नाराज उक्त पुलिसकर्मियों ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी है। जो व्यक्ति आत्महत्या करेगा उसका हाथ भला कैसे टूट सकता है ? जब हमलोग वहां पहुंचे तब उसका हाथ टूटा हुआ था। शरीर पर भी कई जगह जख्म के निशान थे। उन्होंने कहा कि हम पूरे मामले की जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं।

वहीं स्थानीय महेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अभिषेक बहुत ही सरल स्वभाव का लड़का था। दो साल पहले उसकी नौकरी सार्जेंट के पद पर लगी थी। उसकी शादी भी नहीं हुई थी, लेकिन वहां के पुलिसकर्मी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए उसकी हत्या को आत्महत्या बता रहे हैं। हम मांग करते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो। ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले। सरकार के द्वारा भी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए।

गया से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट