राम मंदिर पर विवादित टिप्पणी के बाद फंसे शिक्षा मंत्री ने लिया यू-टर्न, खुद को बताने लगे ‘प्रभु श्रीराम का भक्त’
शिक्षा मंत्री ने मंदिर को गुलामी का रास्ता बताते हुए घटिया टिप्पणी की थी। जिसके बाद अब वो लाइन पर आते दिख रहे हैं....मंगलवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस कर शिक्षा मंत्री ने अपने बयान पर सफाई दी है..
PATNA: बिहार में आरजेडी नेताओं में राम मंदिर को लेकर घटिया बयानबाजी करने का कंपटीशन चालू है। आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह के राम मंदिर पर विवादित टिप्पणी के बाद शिक्षा मंत्री ने मंदिर को गुलामी का रास्ता बताते हुए घटिया टिप्पणी की थी। जिसके बाद अब वो लाइन पर आते दिख रहे हैं....मंगलवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस कर शिक्षा मंत्री ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि वो शबरी के जूठे बेर खाने वाले प्रभु श्रीराम के भक्त हैं। उनके बयानों को तोड़मरोड़कर दिखाया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन अखबारों ने मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है उनके खिलाफ मैं निश्चित तौर पर मुकदमा करूंगा। मेरी भावना को आहत किया गया है। मैं अपमानित हुआ हूं। अपने बयान पर पत्रकारों से कहा कि आप लोगों को भ्रम है? विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो आदमी मंदिर में प्रभु को घुसाने लगे हैं।
पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने मंदिर को लेकर कोई बयान नहीं दिया। उनकी पार्टी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने सावित्री बाई फूले की बातों को दुहराया था कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता होता है, स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है। चंद्रशेखर ने कहा कि मैंने तो सिर्फ इतना कहा था कि विधायक फतेह बहादुर सिंह की बातों का मैं समर्थन करता हूं। उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर चला दिया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा मंत्री केंद्र सरकार पर बरसे। राम मंदिर को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबको इंतजार था मैं भी मानता हूं। लेकिन रोजगार कहां है? अभी तक 20 करोड़ लोगों को रोजगार मिलना चाहिए था। किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी करनी थी। लागत दोगुनी हो गई मगर आमदनी दोगुनी कहां गई? बेरोजगारों के हित में केंद्र सरकार ने कौन सा कदम उठाया? सत्ता प्राप्ति के समय एक सिलेंडर की कीमत 400 के करीब थी। अब तो 200 रुपया घटना के बाद भी 1000 रुपये प्रति सिलेंडर है।