कोटा में कोचिंग कर रही 16 साल की नाबालिग छात्रा हुई प्रेग्रेंट, नीट की तैयारी करने एमपी से गई थी कोटा..

कोचिंग हब कोटा में नीट की तैयारी कर रही एक नाबालिग छात्रा प्रेग्नेंट होने से हड़कंप मच गया, हैरानी की बात तो यह है कि उसने एक बच्चे को भी जन्म दे दिया है.

कोटा में कोचिंग कर रही 16 साल की नाबालिग छात्रा हुई प्रेग्रेंट, नीट की तैयारी करने एमपी से गई थी कोटा..

NBC24 DESK:- कोचिंग का हब कहे जाने वाले कोटा में नीट की तैयारी कर रही एक छात्रा प्रेग्नेंट होने से हड़कंप मच गया, हैरानी की बात तो यह है कि उसने एक बच्चे को भी जन्म दे दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी पेरेंट्स कुछ बोलने को तैयार नहीं है, बताया जा रहा है कि ये नाबालिग लडक़ी नीट की तैयारी करने के लिए एमपी से गई थी।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश से नीट की कोचिंग करने के लिए गई एक 16 साल की लडक़ी प्रेग्नेंट हो गई थी, इस बात की जानकारी लगते ही पेरेंट्स ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां नाबालिग की नार्मल डिलेवरी हुई, ये मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने पेरेंट्स से भी घटनाक्रम जानने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया है, हालांकि इस मामले में पेरेंट्स को पहले से पता था, क्योंकि जब उसके पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने लडक़ी को अस्पताल में दिखाया, तभी पता चल गया था कि वह पे्रग्रेंट है। अब नाबालिग छात्रा ने एक बच्ची को जन्म दे दिया है, डॉक्टर्स ने बताया कि फिलहाल दोनों स्वस्थ हैं।

अब पेरेंट्स नहीं ले रहे बच्चा

इस मामले में बच्चे को लेने को लेकर मामला उलझ गया है, पहले तो पेरेंट्स बच्चे को लेने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने अब अचानक मना कर दिया है, वे इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं है, जिससे साफ पता चल रहा है कि इस मामले में उन्हें पूरी जानकारी है, लेकिन किसी कारणवश वे कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। जब उन्होंने बच्चे को लेने से इंकार कर दिया तो अस्पताल ने बाल कल्याण समिति से चर्चा की है, क्योंकि अब बच्चा बाल कल्याण समिति को सौंपा जाएगा। 

पुलिस ने नहीं हुआ प्रकरण दर्ज

इस मामले में पीडि़त पक्ष की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई प्रकरण थाने में दर्ज नहीं कराया गया है, इस कारण पुलिस द्वारा भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

कोटा में अक्सर होते हैं कई मामले

वैसे तो कोटा मेडिकल की कोचिंग के हब के रूप में देशभर में जाना जाता है, यहां एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित अन्य कई प्रदेशों से लाखों की तादात में स्टूडेंट्स पढऩे के लिए आते हैं, ऐसे में कई बार बच्चे पढ़ाई के दबाव में आकर सुसाइड भी कर लेते हैं और कई स्टूडेंट्स इस प्रकार के चक्कर में भी पड़ जाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई तो खराब होती ही है साथ ही उनका भविष्य भी चौपट हो जाता है, इसलिए स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे अगर कोचिंग करने के लिए कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही लगाएं, अगर वे सफल नहीं हो पा रहे हैं या पढ़ाई का अधिक टेंशन है तो गलत कदम नहीं उठाएं, क्योंकि किसी एक क्षेत्र में पीछे रह जाना जीवन की अंतिम सीढ़ी नहीं होती है, इसके आगे भी लंबा जीवन होता है, जिसे वे आनंद से जीएं।