गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस का खुलासा, शूटर उमेश को अशोक साव ने दिए थे हथियार, इस वजह से कराई हत्या..?
राजधानी पटना के चर्चित व्यवसायी श्री गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिसमें चार लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। पटना पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) और STF की संयुक्त कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

PATNA : राजधानी पटना के चर्चित व्यवसायी श्री गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिसमें चार लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। पटना पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) और STF की संयुक्त कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
04 जुलाई की रात करीब 11:37 बजे, गोपाल खेमका की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वे बांकीपुर क्लब से लौटकर अपने अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचे थे। हमलावरों ने उन्हें नजदीक से गोली मारी और फरार हो गए। इस संबंध में गांधी मैदान थाना कांड संख्या 391/25, धारा 103 BNS तथा 27 आयुद्ध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मुख्यालय के आदेश पर SIT का गठन किया गया। तकनीकी अनुसंधान और CCTV फुटेज की जांच में पुलिस को एक मोटरसाइकिल संदिग्ध प्रतीत हुई, जिसे घटनास्थल से बरामद किया गया। जांच में पता चला कि यह बाइक उमेश कुमार यादव की है, जो घटनास्थल के पास ही रहता था। जब पुलिस ने उमेश यादव के घर की तलाशी ली, तो वहां से घटना के समय पहने गए कपड़े, जूते, हेलमेट और मास्क बरामद हुए।
कड़ाई से पूछताछ में उमेश ने अपराध कबूल कर लिया। उमेश यादव की निशानदेही पर उसके घर के प्रथम तल से 7.62 MM के 56 राउंड कारतूस, 9 MM पिस्टल, 2 मैगजीन और 14 जिंदा गोलियां बरामद की गईं।
पूछताछ में उमेश ने बताया कि यह हत्या चार लाख रुपये की सुपारी में की गई थी। इसमें 50 हजार रुपये एडवांस और शेष राशि घटना के अगले दिन 05 जुलाई की सुबह को मालसलामी थाना क्षेत्र के पास अशोक साव द्वारा दी गई। जांच में सामने आया कि अशोक साव ही इस हत्या का मास्टरमाइंड था।
दोनों की मुलाकात बिहारशरीफ में एक शादी समारोह के दौरान हुई थी। अशोक ने ही उमेश को हत्या के लिए उकसाया और हथियार उपलब्ध कराए। अशोक साव ने हत्या के लिए दो मोबाइल खरीदे, जिनमें से एक उसने उमेश को दिया। उसे गोपाल खेमका की फोटो और वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी उपलब्ध कराया गया।
वास्तव में यह हत्या एक जमीन विवाद और क्लब से जुड़ी व्यक्तिगत रंजिश के चलते करवाई गई थी। पहले शूटर विकास उर्फ राजा को सुपारी देने की योजना थी, लेकिन बाद में उमेश और अशोक ने खुद ही हत्या करने का फैसला किया ताकि पूरी रकम अपने पास रख सकें। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी अपने घर चले गए और हथियार छुपा दिए। अगली सुबह मालसलामी घाट पर अशोक साव ने उमेश को 3 लाख 50 हजार रुपये और एक मोबाइल सौंपा।
आगे की जांच में उमेश यादव की निशानदेही पर उदयगिरी अपार्टमेंट, फ्लैट नंबर 601 की तलाशी ली गई। यहां से ₹6 लाख 50 हजार नकद, एक पिस्टल, 17 जिंदा कारतूस, जमीन के कई कागजात, 3 मोबाइल फोन बरामद किए गए। इसके बाद अशोक साव को गिरफ्तार कर लिया गया।
डीजीपी और एसएसपी के समक्ष अशोक साव ने वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। डीजीपी ने कहा कि साजिशकर्ता और शूटर दोनों हमारे कब्जे में हैं। दोनों ने वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और कई महत्वपूर्ण जानकारी भी दी है, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
पटना से अजय शर्मा की रिपोर्ट